Wi-Fi Router : यह एक हार्डवेयर नेटवर्क डिवाइस होता है जो नेटवर्क के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक कंप्यूटर नेटवर्क को दूसरे कंप्यूटर नेटवर्क से कनेक्ट करता है, इससे कई सारी डिवाइसों को एक साथ कनेक्ट कर सकते हैं, उनके अंदर इंटरनेट को एक्सेस कर सकते हैं। इसमें 250 अलग-अलग डिवाइस को कनेक्ट कर सकते हैं, हालांकि इतने डिवाइस को कनेक्ट करने पर स्पीड कम होगी।
इसके साथ आप अपने लैपटॉप, मोबाइल, म्यूजिक सिस्टम ब्लूटूथ स्पीकर, डिजिटल कैमरा, स्मार्ट वॉच, आदि को कनेक्ट कर सकते हैं। ऐसा कोई भी डिवाइस जो इंटरनेट का इस्तेमाल करता हो इसके साथ कनेक्ट कर सकते हैं और आसानी से उसके अंदर इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।

यह डिवाइस एक से ज्यादा नेटवर्क को शेयर करता है, लैपटॉप में कनेक्ट करने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल की आवश्यकता पड़ती है, इसका मैक्सिमम रेंज 0 से लेकर 255 तक होता है।
इसका उपयोग कहां होता है:-
राउटर को बेसिकली जो ISP होते हैं जो इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर वह उपयोग में लेते हैं क्योंकि इसका कार्य नेटवर्क को जोड़ना होता है। ऐसे नेटवर्क जिनके नेटवर्क आईडी डिफरेंट होते हैं, जैसे कि अगर हमको सिस्टम के बीच कम्युनिकेट कराना है तो उसके लिए नेटवर्क आईडी सेम होना चाहिए, अगर आपस में जो नेटवर्क है उनके आईडी सेम नहीं है तो यह कम्युनिकेशन नहीं कर सकते हैं,
तो ऐसे नेटवर्क या ऐसे लैब जिनके नेटवर्क आईडी डिफरेंट है और उनको आपस में कम्युनिकेशन करना है, या हार्डवेयर शेयरिंग करना है तो ऐसे सीनयरो के लिए राउटर की आवश्यकता होती है।
राउटर के अंदर मल्टीपल इंटरफ़ेसेज हो सकते हैं उसमें, Ethernet ports,fast Ethernet ports, serial ports हो सकते हैं।
राउटर के प्रकार(types of router):-
1.Moduler router:-
ऐसे राउटर जिनके अंदर हम बाद में भी पोर्ट्स चेंज कर सकते हैं, कम कर सकते हैं, ज्यादा कर सकते हैं, या अपनी जरूरत के आधार पर सीरियल पोर्ट्स को कम या ज्यादा, fast Ethernet ports को कम या ज्यादा कर सकते हैं, तो यह मॉडुलर राउटर कहलाते हैं।
2.Non moduler router:-
कुछ ऐसे राउटर होते हैं जिनके अंदर हम पोर्ट्स को चेंज नहीं कर सकते, जैसे हमारा डेस्कटॉप होता है उसमें पीसी स्लॉट होता है, जैसे हमें आवश्यकता होगी वैसे हम वहां पर कार्ड लगाकर अपनी जरूरत को पूरा कर सकते हैं, लेकिन हम लैपटॉप में चेंज नहीं कर सकते हैं।
3.Core router:-
यह राउटर अलग-अलग डिस्ट्रीब्यूटर राउटर को आपस में जोड़ने का कार्य करता है, अर्थात एक कंपनी जिसके बहुत सारे राउटर हैं जो अलग-अलग जगह पर है इन सभी राउटर्स को आपस में जुड़ने के लिए कोर राउटर का इस्तेमाल किया जाता है।
4. Wireless router:-
इसका उपयोग ऑफिस, कॉलेज, घर आदि में किया जाता है, यह राउटर वायरलेस चैनल का एरिया बनाता है और इस एरिया में जितने भी कंप्यूटर, टेबलेट, मोबाइल आदि इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसमें पासवर्ड सिस्टम भी रहता है, सुरक्षा के लिए पासवर्ड और ip-address का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि वाईफाई का इस्तेमाल करने पर कनेक्ट होने से पहले पासवर्ड डालने की आवश्यकता होती है।

5.Broadband router:-
यह राउटर कई प्रकार के कामों को कर सकते हैं, इसका इस्तेमाल कंप्यूटर को आपस में जोड़ने के लिए और इंटरनेट से कनेक्ट करने के लिए किया जाता है, इसके द्वारा आप अपने फोन को वॉइस ओवर आईपी टेक्नोलॉजी के द्वारा इंटरनेट से कनेक्ट कर सकते हैं, यहां एक स्पेशल तरीके का मॉडेम होता है जिसमें इथरनेट और फोन jacks भी होते हैं।
राउटर का कार्य:-
राउटर का बेसिकली कार्य पाद डिटरमिनेशन करना, एक नेटवर्क का पाद दूसरे नेटवर्क को बताना और इस पाद डिटरमिनेशन के लिए, उसको कुछ राउटिंग प्रोटोकोल की आवश्यकता होती है, जिसे राउटिंग करना कहा जाता हैं।
राउटिंग दो तरह के होते हैं-
Static routing
इसमें अगर एक नेटवर्क है जो दूसरे कंप्यूटर से नेटवर्क लेना चाहते है और यह बहुत सारे नेटवर्क के बीच में है तो, इसको कनेक्ट करने पर आपको मैनुअली हर एक नेटवर्क की इंफॉर्मेशन आपको अपने राउटर पर बतानी पड़ेगी तभी आपका राउटर इस पर्टिकुलर डेस्टिनेशन से कनेक्ट होगा।
Dynamic
इसमें राउटर ऑटोमेटेकली बेस्ट पार्ट डिसाइड करता है की किसमें ट्रैफिक कम है, कौन सा सिक्योर है, और किधर हैकिंग अटैक ज्यादा नहीं है यह सारी चीजों की सिक्योरिटी प्रोवाइड करते हुए डाटा ट्रांसफर होता है डायनेमिक राउटर प्रोटोकॉल में, और डायनेमिक राउटर प्रोटोकोल दो तरह का होता है,
IRP
इसे इंटीरियर राउटर प्रोटोकॉल करते हैं, इंटीरियर राउटर प्रोटोकॉल वह प्रोटोकॉल है जिसके माध्यम से इंटरनल और एक्सटर्नल सारे नेटवर्क सिक्योर होते हैं, किन्तु यहां पर बहुत सारे प्रोटोकॉल का अलग-अलग फंक्शंस होता है।
ERP
इससे एक्सटीरियर राउटर प्रोटोकोल कहते हैं, इसमें EGP और,BGP प्रोटोकॉल आते हैं।
वाईफाई राउटर लगवाने में कितना खर्च आता है:-
अगर आप दो एंटीना वाला राउटर खरीदते हैं तो इसका कीमत 800 से लेकर 1500 तक पर जाती है, और अगर आप इससे ज्यादा , 3 या 4 एंटीना वाला राउटर लेते हैं तो इसके लिए आपको 1000 से 2000 पड़ जाएगा, और अगर आप 4से 8 एंटीना वाला राउटर देना चाहते हैं तो यह आपको 2 से 4000 की रेंज में आसानी से मिल जाते हैं।
Router के कार्य:-
1. राउटर डाटा को सेंडर से रिसीवर तक पहुंचाने का काम करता है।
2. राउटर दो नेटवर्क को आपस में जोड़ने का कार्य करता है।
3. प्रोटोकॉल ट्रांसलेशन में हेल्प करता है।
4. एल ए एन को ब्रॉडकास्ट करने से रोकता है।

Router layers:-
1.Access layer router:- ये वे राउटर होते हैं जो छोटे ऑर्गनाइजेशन में यूज किए जाते हैं, इसको डेस्कटॉप या कंप्यूटर लेयर राउटर भी कहते हैं। इसमें 800, 1000, 1600,1700, 2500 आदि सीरीज के राउटर आते हैं।
2.Distribution layer router:- इसका यूज इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर या आईएसपी लेयर स्लॉट होते हैं, इसमें 2600,3200 3600,3700 सीरीज के राउटर आते हैं।
3.Core layer router:- इसका यूज गोलोबल आईएसपी में किया जाता है, इसको बैकवर्ड राउटर भी कहते हैं। यह बड़े-बड़े राउटर होते हैं जो यूज़ करते हैं टेलीकॉम, बड़े-बड़े कम्युनिकेशन सर्वर में जहां पर 6400,7200,7300,7400,7500,7600,। 10000,12000 series के राउटर होते हैं।
यह काफी बड़े होते हैं जिसको बड़े-बड़े लैब में, बड़े-बड़े नेटवर्क में यूज किए जाते हैं।
राउटर के प्रकार
यह दो प्रकार के होते हैं-
Fixed router
यह एस्टेक ब्रांडेड पीसी की तरह होते हैं जिसके इंटरफेस को हम चेंज नहीं कर सकते हैं, यह 1600, 1700 सीरीज राउटर के होते हैं।
Modular router
इस राउटर को हम चेंज कर सकते हैं, यह असेंबल्ड पीसी की तरह होते हैं, इसके इंटरफ़ेस को हम रिप्लेस कर सकते हैं। ये डिस्ट्रीब्यूशन या कोर लेयर राउटर या कोर लेयर राउटर होते हैं जो बड़े-बड़े होते हैं यह मोडुलेटर राउटर में आते हैं।