SSD एक तरह की हार्ड डिस्क solid state drive है, जिसमें डाटा स्टोर होता है जो कंप्यूटर के अंदर यूज हो सकती हैं हार्ड डिस्क (HDD) के जगह पर, अगर इसे कंप्यूटर में लगाते हैं तो कंप्यूटर 10 से 15 गुना फास्ट हो जाता है।
यह आवाज नहीं करती है क्योंकि इसमें घूमने के लिए कोई प्लेट नहीं है, और अगर यह आपके हाथ से छूट कर गिर जाए तो भी इतनी जल्दी नहीं टूटती हैं ज्यादा सेव होती है, हार्ड डिस्क के तुलना में हार्ड डिस्क जल्दी खराब हो जाती है गिरने पर, यह थोड़ी सी एक्सपेंसिव होती है।
यह एक नई तरीके की ड्राइव है जिस पर आप अपना डाटा परमानेंट बेसिस पर स्टोर कर सकते हैं, जैसे कि पहले हार्ड डिस्क ड्राइव पर करते आ रहे थे। आपके कंप्यूटर में जो हार्ड डिस्क लगी होती है, जो ट्रेडिशनल मैकेनिकल हार्ड डिस्क ड्राइव है जो उस पर आप अभी तक जैसे अपने डाटा को परमानेंट बेसिस पर स्टोर कर सकते हो वैसे ही एसएसडी पर आप अपना डाटा परमानेंट बेसिस पर स्टोर कर सकते हो, यह दोनों के दोनों कंप्यूटर की सेकेंडरी मेमोरी है, यह हार्ड ड्राइवर से बहुत फास्ट होता है।

SSD की जरूरत क्यों पड़ी?
यह मार्केट में 2009 में आया, यह हार्ड ड्राइव से बहुत ज्यादा फास्ट होती है, हार्ड ड्राइव टेस्ट पुराना स्टोरेज डिवाइस है इसमें डाटा टाइप रेट्स उतना ज्यादा नहीं मिल पाता था इसी की वजह से हमें एक नए तरीके के स्टोरेज को लाया गया जिसे एसएसडी कहते हैं।
SSD का फुल फॉर्म:-solid state drive, होता है। यह हमारे कंप्यूटर में हार्ड डिस्क के तरह डाटा स्टोर करने का कार्य करती है, लेकिन यह हार्ड डिस्क की तुलना में 10 से 15 * फास्ट कार्य होती है
कंप्यूटर या लैपटॉप में SSD लगाने के फायदे:-
1. कंप्यूटर तेजी से बूट होता है:-
अगर आप अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में एसएसडी लगाते हैं और उस ऑपरेटिंग सिस्टम में अपना एसएसडी इंस्टॉल करते हैं, तो कंप्यूटर या लैपटॉप को चालू करते हैं तो काफी जल्दी से हमारा ऑपरेटिंग सिस्टम, कंप्यूटर या लैपटॉप जल्दी से ओपन होता है।
2. एप्लीकेशन तेजी से स्टार्ट होते हैं:-
कोई भी एप्लीकेशन एस एस डी कार्ड में इंस्टॉल करते हैं और उसको इस्तेमाल करते हैं या ओपन करते हैं तो उसमें काफी फास्ट एप्लीकेशन रन करता है और जल्दी से ओपन होता है।
3. जल्दी खराब नहीं होता है:–
यह जल्दी खराब नहीं होता है हार्ड ड्राइव डिस्क की अपेक्षा, हार्ड डिस्क ड्राइव गलती से अगर नीचे गिर जाता है तो उसके कैसेट जो अंदर लगी होती है वह टूट जाएगी या डैमेज हो जाएगी जिससे हार्ड ड्राइव डिस्क खराब हो जाता है, जबकि अगर एसएसडी का नीचे गिरता है तो उसके टूटने की संभावना उतना ज्यादा नहीं रहता है, जितना जल्दी हार्ड ड्राइव डिस्क खराब होता है, यह हार्ड ड्राइव डिस्क के तुलना में जल्दी खराब नहीं होता है।

4. तेजी से फाइल का लेन देन:-
अगर कोई भी फाइल ट्रांसफर कर रहे हैं या ले रहे हैं या फिर किसी को दे रहे हैं तो ऐसी स्थिति में SSD में अगर कोई फाइल लेंगे या देंगे तो उसके स्पीड काफी तेज होती है।
अगर आप एक हार्ड डिस्क यूज करते हैं और आप अपग्रेड कर रहे हैं तो एसएसडी काफी फास्ट होता है। यह बहुत कम पावर का यूज़ करते हैं। एक सॉलिड स्टेट ड्राइव के अंदर कोई भी मैकेनिक पार्ट नहीं होते यानी कि इसमें कोई भी मूविंग पार्ट नहीं होता है इसके वजह से इसमें साउंड बिल्कुल भी देखने को नहीं मिलता है।
SSD के प्रकार(types of SSD):-
1. 2.5inch SSD (SATA Disk ) :-
यह एसएसडी आपके पुराने हार्ड डिस्क के साइज की होते हैं, और यह वहीं सेटा इंटरफेस यूज करती है, यह सेटा एक सी आई प्रोटोकॉल पर काम करती है, जो हार्ड डिस्क को ध्यान में रखकर बनाया गया था इसलिए यहां तक की लेटेस्ट सेटा 3 में भी अधिकतम स्पीड 6Gbit/s इसका मतलब 7 मेगाबाइट्स पर सेकंड स्पीड मिल सकती है।
2. MTS SSD Disk :-
यह आकार में बहुत छोटा होता है और देखने में काफी यूनिक दिखता है, इसका यूज लैपटॉप में नहीं किया जाता है, कंप्यूटर में इसका यूज करने के लिए पीसी SATA port होना जरूरी होता है।
3. M.2 SSD Disk :-
यह एक अपडेट वर्जन है जो SATA SSD की तुलना में तेज और छोटा होता है परंतु यह दोनों को कनेक्ट करता है। इसे जनरल डाटा केबल से भी कनेक्ट कर सकते हैं।
4. SSHD SSD Disk
यह सॉलि़ड स्टेट ड्राइव और हार्ड डिस्क दोनों से बना होता है, इसमें SSD के कुछ मेमोरी और हार्ड डिस्क की भी कुछ मेमोरी होती है, इसका इस्तेमाल लैपटॉप में किया जाता है।

Disadvantage of SSD :-
solid state driveकी कीमत बहुत ज्यादा होती है, हार्ड डिस्क ड्राइव की अपेक्षा SSD की कीमत अधिक होती है।
solid state drive में स्टोरेज कैपेसिटी normal hard drive की तरह नहीं मिल पाती है।
solid state drive मार्केट में 256gb ,512gb और 1TB तक आसानी से मिल जाती है।
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