SQL का फुल फॉर्म structured Query language होता हैं। सबसे पहले इस स्ट्रक्चर्ड क्वेरी लैंग्वेज को आईबीएम रिसर्च सेंटर ने 1974 में बनाया था, इस लैंग्वेज के बनाने का यूजर डाटा बेस पर अपना काम कर सकें, एसक्यूएल लैंग्वेज के माध्यम से यूजर डाटाबेस से डाटा को क्रिएट, अपडेट, डिलीट आदि जैसे कार्य कर सकता है।
यह एक सबसे आसान लैंग्वेज में से एक है इसका सिंटेक्स उतना ही आसान होता है जैसे की हम अपने हिंदी भाषा को बोलते हैं।
अमेरिकन नेशनल स्टैंडर्ड इंस्टिट्यूट के अनुसार, यह रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के लिए एक क्वेरी लैंग्वेज है, जिसके माध्यम से क्वेरी लिखकर हम डेटाबेस से डाटा एक्सेस कर सकते हैं। एसक्यूएल का उपयोग डेटाबेस से संपर्क स्थापित करने तथा डेटाबेस प्रबंधन से संबंधित विभिन्न कार्य करने के लिए होता है।
एसक्यूएल यूजर को डाटाबेस में डाटा परिभाषित करने, डाटा को व्यवस्थित करने, डाटा में परिवर्तन करने तथा विभिन्न कंडीशनों के आधार पर डाटा कुछ छांटने तथा चुने गए डाटा को एक्सेस करने की सुविधा देता है।
एसक्यूएल अपने आप में स्वतंत्र तथा सक्षम स्टैंडर्ड रिलेशनल डाटाबेस लैंग्वेज है, जिसमें अनेक संस्करण उपलब्ध है। एसक्यूएल का मूल संस्करण आईबीएम के रिसर्च लैबोरेट्री द्वारा विकसित किया गया, यह लैंग्वेज सीक्वेल कहलाती थी, बाद में इसका नाम बदलकर एसक्यूएल हो गया।

SQL का पूरा नाम:-
SQL पूरा नाम Structured query language हैं। जिसका उपयोग रिलेशनल डेटाबेस में डाटा को एक्सेस करने के साथ साथ विभिन्न प्रकार के एप्लीकेशन प्रोग्राम में भी डाटा को स्टोर करने में एवं मैनिपुलेट करने में किया जाता है।
SQL का इतिहास(history of SQL):-
SQL प्रोग्रामिंग लैंग्वेज 1970 में आईबीएम ने Raymond boyce और Donald chamberlin ने एसक्यूएल का पहला वर्जन बनाया था, जिससे सीक्वल यानी इसका मतलब है स्ट्रक्चर्ड इंग्लिश क्वेरी लैंग्वेज कहा जाता था, जोकि आईबीएम के डेटाबेस से डाटा रिट्रीव करने के लिए बनाया गया था।
सन 1973 में इसका नाम बदलकर एसक्यूएल कर दिया था, क्योंकि जो सीक्वल था वह किसी कंपनी ट्रेडमार्क था, इसलिए इसका नाम बदलकर एसक्यूएल कर दिया गया।
सन 1978 में एसक्यूएल की सफलता के बाद आईबीएम ने इससे जुड़े कमर्शियल प्रोडक्ट बनाना शुरू कर दिया था और 1986 में रिलेशनल सॉफ्टवेयर द्वारा आरडीबीएमएस को लॉन्च किया गया, बाद में इस कंपनी का नाम बदल कर ओरेकल रखा गया।
SQL की भूमिका:-
आजकल रिलेशनल आरडीबीएमएस का उपयोग किया जाने लगा है। एसक्यूएल आजकल व्यापक रूप में उपयोग किया जा रहा आरडीबीएमएस है। इनका उपयोग हम अपने जीवन में कई कामों में कर रहे हैं। बिल चुकाने के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर रहे हो या अपने अकाउंट का बैलेंस का बैलेंस ऑनलाइन चेक कर रहे हो, या ऑनलाइन टिकट बुक कर रहे हो, या फिर नेट पर किसी तरह का व्यापार कर रहे हो, ऐसी स्थिति में हम एसक्यूएल, आरडीबीएमएस का ही उपयोग कर रहे होते हैं।
इंफॉर्मेशन को एसक्यूएल का उपयोग करके ही retrive या स्टोर किया जाता है। SQL एक स्ट्रक्चर लैंग्वेज है यह डाटाबेस आर्किटेक्चर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आजकल बड़ी संख्या में सिस्टम प्रोफेशनल स्कोर विशिष्ट एप्लीकेशन डेवलपमेंट के ऑनलाइन रखरखाव पर काम करना पड़ता है, स्टैंडर्ड फॉर्मेट यहां पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
SQL कैसे कार्य करता है(how SQL works):-
इंटरनेट पर जितने भी डायनेमिक वेबसाइट होते हैं सभी डेटाबेस ड्रिवल होते हैं सोशल मीडिया साइट, ऑनलाइन बैंकिंग के साथ सारा डाटा बेस जुड़ा होता है, और जहां पर डेटाबेस होता है वहां पर एसक्यूएल का उपयोग आवश्यक होता है, जो लाइव वेबसाइट होते हैं उनमें एसक्यूएल बड़े अच्छे तरीके से काम करता है। किसी भी वेबसाइट में एसक्यूएल अकेले कुछ भी काम नहीं कर सकता इसके लिए कई सारी चीजों को एक साथ में लाकर काम करना पड़ता है।
जैसे-एमएस प्रोग्राम, माय सीक्वल, सीक्वल सरवर, आदि सभी इसके अंदर काम करते हैं। आपके सरवर में माय सीक्वल जैसे आरडीबीएमएस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल होना चाहिए, इसके बाद आपको पीएचपी जैसे सर्वर साइट के जरिए प्रोग्रामिंग करके एक डायनेमिक वेब पेजेस बनाने होंगे और यहीं पर आपको कोडिंग करके यह बताना होगा कि आपको कौन से टास्क परफॉर्म करने हैं।

सीक्वल कमांड और क्वेरी क्या है:-
टास्क के अनुसार आपको सीक्वल कमांड का उपयोग करना होता है, और इन्हें ही क्वेरी कहा जाता है। हर काम के लिए अलग-अलग क्वेरी होते हैं, जिन्हें पी एच पी प्रोग्रामिंग के अंदर डिफाइंड करते हैं।
अब इसके बाद इसके लिए आपको यूजर इंटरफेस के लिए आपको एचटीएमएल,html और CSS के पेजेस बनाने होंगे इसके बाद आपको इन पेजेस को अपनी वेबसाइट पर लगाना होगा।
एसक्यूएल के लाभ(benefits of SQL):-
1. कम लागत(reduced cost):-
इसमें पहले से डिजाइन फॉर्मेट को अपनाया जाता है, यह नया एप्लीकेशन लिखने और पुराने को अपडेट करने की लागत घटा देती है। इससे ट्रेनिंग का खर्च भी घट जाता है क्योंकि केवल एक लैंग्वेज को ही ट्रेनिंग देनी होती है।
2. पोटेबिलिटी(portability):-
सारी मशीनों के लिए कोई एप्लीकेशन को रिराइट करने की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि सभी मशीनें एसक्यूएल उपयोग करती है। एप्लीकेशन को बिना किसी समस्या के एक से दूसरी मशीन में ले जाया जा सकता है।
3. समय की बचत (Reduced time):-
पहले से बनाए गए लैंग्वेज या लैंग्वेज के उपयोग के कारण हमें एप्लीकेशन रिराइट करने की आवश्यकता नहीं होती है, हमें इसे सिर्फ अपडेट करने की आवश्यकता होती है, ताकि समय के साथ बिजनेस में जो आवश्यकता हो उसकी पूर्ति की जा सके।
4. उत्पादन शीलता (productivity):-
स्टैंडर्ड लैंग्वेज का पर्याप्त समय तक उपयोग करने में पेशेवर लोगों की उत्पादन शीलता में निश्चित रूप से वृद्धि होगी क्योंकि दिन प्रतिदिन वे इनमें सिध्दहस्त होते आएंगे।
5. आसान उपलब्धता(easy availability):-
यह किसी स्पेशल दुकान वालों के पास पेटेंट नहीं होती है, इसे कहीं से भी खरीदा जा सकता है। इसे प्रतिस्पर्धा बढ़ती है जिससे लागत कम होकर सेवा में सुधार होता है।
SQL फंक्शन के प्रकार:-
1. सिंगल रो फंक्शन(single row function):-
इस फंक्शन में एक ही रो पर ऑपरेशन को परफॉर्म किया जाता है। एक सिंगल रो फंक्शन, क्वेरीड टेबल की प्रत्येक पंक्ति के लिए एक परिणाम है।
2. मल्टी रो फंक्शन(multi row function):-
इसे ग्रुप फंक्शन भी कहा जाता है। एक बार में एक से अधिक रो के डाटा पर ऑपरेशन परफॉर्म करके कुछ वैल्यू प्रदान करते हैं। यहां सिंगल रो फंक्शन को कई श्रेणियों में ग्रुप किया गया है जो उनके अरगुमेंट के डाटा टाइप प्रदान की गई वैल्यू पर निर्भर करता है।
3. Lower :-
इस फंक्शंस का उपयोग स्ट्रिंग को लोअर केस में बदलने के लिए किया जाता है।
SQL की विशेषताएं:-
1.SQL एक सरल भाषा है जिसके निर्देश आसानी से याद रखे जा सकते हैं।
2. एसक्यूएल में एक निर्देश का आउटपुट दूसरे निर्देश में इनपुट की तरह उपयोग किया जा सकता है, जो इसे और अधिक शक्तिशाली लैंग्वेज बनाता है।
3. एसक्यूएल में एक ही स्टेटमेंट में कई पंक्तियों को संयुक्त कर सकते हैं।
4. यह एक नॉन प्रोसीजरल लैंग्वेज है अर्थात विभिन्न कार्यों के लिए रेडीमेड कमांड उपलब्ध होते हैं, जिसके लिए हमें कोड नहीं लिखना पड़ता है।
5. एसक्यूएल एप्लीकेशन को बिना किसी समस्या के एक से दूसरे मशीन में ले जाया जा सकता है।

SQL के उपयोग(uses of SQL):-
1. सीक्वल से एक नया डेटाबेस क्रिएट कर सकते हैं, किसी डेटाबेस से डाटा को retrieve कर सकते हैं।
2. इसमें आप किसी नए डेटाबेस को insert कर सकते हैं।
3. पहले से उपस्थित डाटा को अपडेट या मॉडिफाई कर सकते हैं।
4. इसके द्वारा डेटाबेस को डिलीट भी कर सकते हैं।
5. एक डेटाबेस के अंदर आप नया टेबल क्रिएट कर सकते हैं, तथा टेबल को डिलीट भी कर सकते हैं।
6. इसके अलावा इसमें view स्टोर और फंक्शन क्रिएट भी कर सकते हैं।
7. डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में सारा काम एसक्यूएल के द्वारा किया जाता है।
Types of SQL commands (एसक्यूएल कमांड के प्रकार):-
1. DDL :- इस का फुल फॉर्म data definition language होता है। डीडीएल कमांड में क्रिएट, अल्टर, ड्रॉप, ट्रंकेट और रिनेम आदि आते हैं। डीडीएल कमांड का मतलब यह स्कीमा (structure) से डील करते हैं। इसमें डाटा का स्टोर टेबल के फॉर्म में करते हैं,
बॉक्स को बनाने के लिए हम क्रिएट टेबल का यूज़ करते हैं, उस बॉक्स में अगर कुछ चेंज करना है जैसे बॉक्स का साइज बढ़ाना है, कुछ भी उसमें चेंज करना है तो इसमें अल्टर कमांड का उपयोग करते हैं।
अगर टेबल में कुछ भी चेंज करना है, टेबल का डाटा टाइप चेंज करना है, टेबल के अंदर किसी कॉलम को ऐड करना है, किसी कॉलम को डिलीट करना हो, स्ट्रक्चर में जो भी चेंज करना है वह अल्टर से किया जाता है।
अगर स्ट्रक्चर को हटाना है तो ड्रॉप का यूज करते हैं, स्ट्रक्चर के अंदर से डाटा को रिमूव करना है तो truncate करते हैं और इसका नाम चेंज करना है तो रिनेम का यूज़ करते हैं।
2.DML :-(data manipulation language) इसमें, सेलेक्ट, इंर्सट, अपडेट, डिलीट का यूज़, जब हमने बॉक्स बना दिया, स्ट्रक्चर बना दिया अब उस स्ट्रक्चर में डाटा को डालना है या डाटा को हटाना है, कुछ वैल्यू को चेंज करना है इसके लिए इस कमांड का यूज किया जाता है।
3.DCL :- data control language, इस कमांड का इस्तेमाल डेटाबेस यूजर को अथॉरिटी देने या वापस लेने के लिए किया जाता है।
4.TCL :- Transaction control language में हम जनरल यूज करते हैं ट्रांजैक्शन के अंदर जैसे कि आज के टाइम में हम सारे के सारे काम ऑनलाइन करने की कोशिश करते हैं। बिल पेमेंट करना, ऑनलाइन शॉपिंग इन सभी में ट्रांजैक्शन का यूज़ होता है। ट्रांजैक्शन डेबिट, ट्रांजैक्शन क्रेडिट आदि ट्रांजैक्शन की वजह से होता है। इस कमांड का उपयोग सिर्फ डीएमएल कमांड के साथ किया जाता है। जैसे insert, delete, update आदि में।
5.DQL :-data query language इस कमांड का उपयोग डेटाबेस में डाटा को fetch करने के लिए किया जाता है।