नेटवर्क (Network) दो या दो से अधिक कंप्यूटरों का समूह होता है जो आपस में किसी माध्यम(medium) जैसे -wire , wireless से जुड़े होते हैं।
एक नेटवर्क कंप्यूटर सर्वर एवं नेटवर्किंग डिवाइस (hub, switch, Router, Modem )आदि, या अन्य जुड़े हुए उपकरण जैसे –प्रिंटर ,स्कैनर का एक समूह होता है। जो हमें एक दूसरे के बीच डाटा को शेयर करने की अनुमति प्रदान करता है।
किसी एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक, एक वस्तु से दूसरी वस्तु तक, या किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक परस्पर सूचना या संदेशों का आदान प्रदान करना ही नेटवर्क कहलाता है। हम नेटवर्क में सूचनाएं संदेशों को आदान प्रदान तो कर सकते हैं साथ ही साथ रिसोर्सेज को भी शेयर कर सकते हैं।
नेटवर्क में डाटा का ट्रांसफर किस प्रकार से होता है?:-
इंटरनेट में डाटा का ट्रांसफर के मूल तकनीकी को पैकेट स्विचिंग कहा जाता है। इसमें जो डाटा या मैसेज होता है उस डाटा या मैसेज को जब यूजेस सेंडर से रिसीवर तक भेजता है, तो उस डाटा को छोटे छोटे पैकेट में डिवाइड किया जाता है और प्रत्येक पैकेट को एक अलग डाटा मानकर उसे सेंडर से रिसीवर तक भेजा जाता है। इस प्रकार से इंटरनेट में या नेटवर्क में या कंप्यूटर नेटवर्क में डाटा का ट्रांसफर किया जाता है।

कंप्यूटर नेटवर्क के प्रकार:-
1. सजातीय नेटवर्क:-
इसे होमोजेनियस नेटवर्क (homogeneous network)भी कहते हैं।
2. विजातीय नेटवर्क:-
इसे हेटेरोजेनियस नेटवर्क ( heterogeneous network) भी कहा जाता है।
नोट:-नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक कंप्यूटर को नोड(node) कहते हैं।
Example:-
नेटवर्क का सबसे अच्छा उदाहरण इंटरनेट(internet) है जो पूरे विश्व में लाखों लोगों एवं कंप्यूटरों को आपस में कनेक्ट करता है।
Network के प्रकार(types of network):-
कंप्यूटर नेटवर्क सामान्यतः तीन प्रकार के होते हैं:-
1. LAN (local area network)
2. MAN(metropolitan area network)
3. WAN(wide area network)
1. LAN:- local area network
LAN का पूरा नाम लोकल एरिया नेटवर्क(local area network) होता है।LAN कंप्यूटर का एक ग्रुप होता है जो एक ही कमरे अथवा भवन के अंदर स्थापित किया जाता है तथा सिंगल कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़ा होता है।
Range of LAN:-
लोकल एरिया नेटवर्क की रेंज सामान्यता 10 मीटर से 1000 मीटर तक होती है।
2. MAN:- metropolitan area network
MAN का पूरा नाम मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क(metropolitan area network) होता है।MAN वह नेटवर्क होता है जो यूजर्स को एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में कंप्यूटर संसाधनों को जोड़ता है। एक मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क में कई लोकल एरिया नेटवर्क आपस में कनेक्ट होते हैं।
मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क,LAN द्वारा कवर किए गए क्षेत्र से अधिक एवं WAN द्वारा कवर किए क्षेत्र से कम होता है।
Range of MAN:-
मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क की रेंज सामान्यता 1 किलोमीटर से 100 किलोमीटर के अंदर होती है।
Example:-
Cable TV Network मेट्रोपॉलिटन एरिया का एक अच्छा उदाहरण है जो पूरे शहर के अंदर फैला होता है। यह लगभग 50 से 100 किलोमीटर की एरिया को कवर करता है।
3. WAN:- wide area network
WAN का पूरा नाम वाइड एरिया नेटवर्क(wide area network) होता है। WAN शब्द का प्रयोग बहुत बड़े भौगोलिक क्षेत्र के लिए किया जाता है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह सबसे बड़ा नेटवर्क होता है।
वाइड एरिया नेटवर्क ना केवल एक बिल्डिंग, एवं न केवल एक शहर, बल्कि यह पूरे विश्व को एक साथ जोड़ने का कार्य करता है। वहीं अगर हम इसके संचार माध्यम का बात करें तो इसमें टेलीफोन लाइने ,माइक्रोवेव ,रेडियो वेब एवं सैटेलाइट आदि होते हैं।
Range of WAN:-
वाइड एरिया नेटवर्क का विस्तार देश अथवा विश्व स्तर पर होता है।WAN समस्त नेटवर्क में से सबसे बड़ा नेटवर्क होता है।
Network topology क्या है?

टोपोलॉजी (topology):-
नेटवर्क की आकृति या लेआउट को टोपोलॉजी कहा जाता है। टोपोलॉजी नेटवर्क के स्ट्रक्चर को डिफाइन करती है कि किस तरह से नेटवर्क में सारे डिवाइस आपस में एक दूसरे से जुड़े हैं। नेटवर्क टोपोलॉजी वह विधि है जिसमें कंप्यूटर फिजिकली या लॉजिकली आपस में एक दूसरे से जुड़े होते हैं।
टोपोलॉजी के प्रकार(types of topology):-
1.Bus Topology:-
Bus Topology में सारे कंप्यूटर एक सिंगल वायर से आपस में जुड़े होते हैं। बस टोपोलॉजी को लीनियर टोपोलॉजी भी कहा जाता है। एक लीनियर बस टोपोलॉजी में प्रत्येक कंप्यूटर केबल के सिंगल लेंथ द्वारा आपस में कनेक्ट होते हैं एवं उसके दोनों सिरे पर टर्मिनेटर लगा होता है।
Advantage of bus topology:-
1. बस टोपोलॉजी काफी सस्ती टोपोलॉजी होती है।
2. बस टोपोलॉजी में अन्य टोपोलॉजी की तुलना में कम केबल की आवश्यकता होती है।
3. बस टोपोलॉजी को आसानी से इंस्टॉल किया जा सकता है।
Disadvantage of bus topology:-
1. बस टोपोलॉजी में केबल की लंबाई सीमित होती है।
2. मेन केबल ब्रेक होने से पूरा नेटवर्क बाधित हो जाता है।
2. Ring Topology:-
रिंग टोपोलॉजी में कंप्यूटरों को एक वृत्त के रूप में अरेंज किया जाता है। इस टोपोलॉजी में कोई कंप्यूटर होस्ट या मुख्य कंट्रोलिंग कंप्यूटर नहीं होता है। रिंग टोपोलॉजी से जुड़े प्रत्येक कंप्यूटर रिपीटर्स के रूप में कार्य करते हैं।
एडवांटेज ऑफ रिंग टोपोलॉजी(advantage of ring topology):-
1. रिंग टोपोलॉजी को क्रिएट करना आसान होता है।
2. इसमें किसी भी सेंट्रल डिवाइस की आवश्यकता नहीं होती है।
3. इसे मैनेज करना आसान होता है।
डिश एडवांटेज ऑफ रिंग टोपोलॉजी(Disadvantage of ring topology):-
1. रिंग टोपोलॉजी में प्रत्येक कंप्यूटर एक दूसरे पर निर्भर होते हैं।
2. इस टोपोलॉजी में एक कंप्यूटर के खराब होने से संपूर्ण नेटवर्क बाधित हो जाता है।
3. रिंग टोपोलॉजी में कंप्यूटर को जोड़ना एवं हटाना काफी जटिल होता है।
3. Star topology:-
स्टार टोपोलॉजी में प्रत्येक कंप्यूटर एक सेंट्रल हब से कनेक्टेड होता है। हब एक कंप्यूटर या डिवाइस होता है जो इससे जुड़े सभी कंप्यूटर को डाटा ट्रांसमिट करता है। सेंट्रल हब एक कंप्यूटर या सर्वर होता है। जो पूरे नेटवर्क को मैनेज करता है।
Advantages of star topology:-
1. स्टार टोपोलॉजी नेटवर्क को फास्ट बनाने में आसान है।
2. इस टोपोलॉजी में एक लोकल कंप्यूटर के खराब होने से संपूर्ण नेटवर्क पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है क्योंकि इसमें सारे कंप्यूटर आपस में न जुड़कर एक हब से कनेक्ट रहते हैं।
3. इस टोपोलॉजी में कंप्यूटर को जोड़ना है एवं हटाना काफी आसान होता है।
Disadvantage of star topology:-
1. स्टार टोपोलॉजी में यदि सेंट्रल हब खराब हो जाता है तो संपूर्ण नेटवर्क फेल हो जाता है।
2. यह टोपोलॉजी उपयोग करने में काफी महंगी होती है।
3. इस में प्रयोग की जाने वाली केबल की कीमत अधिक होती है।
4.Mesh Topology:-
मेष टोपोलॉजी में प्रत्येक नोड आपस में एक दूसरे से कनेक्ट होते हैं।यानि इस टोपोलॉजी में प्रत्येक कंप्यूटर नेटवर्क के अन्य सभी कंप्यूटरों से जुड़े होते हैं। इस टोपोलॉजी में अगर कोई एक डिवाइस फेल या खराब हो जाती है तो उससे संपूर्ण नेटवर्क पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। मेष टोपोलॉजी काफी महंगी टोपोलॉजी होती है।
Advantage of mesh topology:-
1. इस टोपोलॉजी में कई कंप्यूटर एक साथ डाटा ट्रांसमिट कर सकते हैं।
2. इसमें किसी एक नोड में त्रुटि होने पर भी डाटा ट्रांसमिट होता है।
Disadvantage of Mesh topology:-
1. मेष टोपोलॉजी काफी महंगी टोपोलॉजी होती है।
2. इसको मैनेज करना काफी कठिन होता है।
5.Tree Topology:-
ट्री टोपोलॉजी, बस टोपोलॉजी एवं स्टार टोपोलॉजी दोनों का संयोजन होता है। ट्री टोपोलॉजी में स्टार टोपोलॉजी की तरह एक होस्ट कंप्यूटर होता है और बस टोपोलॉजी की तरह सारे कंप्यूटर एक केबल से जुड़े होते हैं। इस टोपोलॉजी का आकार एक पेड़ जैसा दिखाई देता है। जिसके कारण इसे ट्री टोपोलॉजी कहा जाता है।
एडवांटेज ऑफ ट्री टोपोलॉजी(advantage of tree topology):-
1. इस टोपोलॉजी को इंस्टॉल करना काफी सरल होता है।
2. इसमें प्रत्येक डिवाइस का पॉइंट टू पॉइंट कनेक्शन होता है जिसे आसानी से एरर को डिटेक्ट किया जा सकता है।
Disadvantage of tree topology:-
1. इसको मैनेज करना कठिन होता है।
2. इसमें अधिक केबल का उपयोग होता है।
3. यह टोपोलॉजी काफी महंगी होती है।
4. इसमें मुख्य नोड ब्रेक होने पर पूरा नेटवर्क प्रभावित होता है।
6. Hybrid topology:-
हाइब्रिड टोपोलॉजी एक ऐसी नेटवर्क टोपोलॉजी है जो कई अन्य टोपोलॉजी से मिलकर बना होता। इस टोपोलॉजी में दो या दो से अधिक टोपोलॉजी शामिल होते हैं। यह नेटवर्क टोपोलॉजी ऑफिस, कैंपस शादी के लिए डिज़ाइन किया जाता है। यह टोपोलॉजी काफी महंगी होती है।
Advantage of hybrid topology:-
1. एक बड़े ऑफिस एवं संस्थान के नेटवर्क के लिए हाइब्रिड टोपोलॉजी अच्छे होते हैं।
2. हाइब्रिड टोपोलॉजी में एरर को आसानी से खोजा जा सकता है।
Disadvantage of hybrid topology:-
1. हाइब्रिड टोपोलॉजी काफी महंगी होती है।
2. हाइब्रिड टोपोलॉजी को इंस्टॉल करना काफी कठिन होता है।
*1. नेटवर्क कंप्यूटर, सर्वर नेटवर्क, डिवाइस या एक दूसरे से जुड़े हुए अन्य उपकरणों का एक संग्रह है जो आपस में डाटा साझा करने की अनुमति प्रदान करता है।
*2. नेटवर्क का एक उत्कृष्ट उदाहरण इंटरनेट है जो पूरे विश्व में लाखों लोगों को जोड़ता है।
Networking Device:-
यह एक ऐसी डिवाइस है जिनके द्वारा दो या दो से अधिक कंप्यूटर या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को आपस में कनेक्ट करने के बाद उसमें डाटा शेयर कर सकें और कम्युनिकेशन कर सके ऐसे डिवाइस को नेटवर्किंग डिवाइसेज कहते हैं।

1.Repeater:-
यह डिवाइस डाटा सिग्नल को रिसीव करने के बाद सिग्नल एनालॉग और डिजिटल को रीजेनरेट और रिप्लीकेट पड़ती है।
OSI model -physical layer
Repeater दो प्रकार के होते हैं:-
1. Analog repeater
2. Digital repeater
2. Hub:-
जब हमें कई सारे कंप्यूटर या नेटवर्किंग डिवाइस को एक साथ जोड़ना होता है, तब हम इस डिवाइस का प्रयोग करते हैं इसमें कई सारे पोर्ट होते हैं। और किसी एक पोर्ट से आने वाले डाटा को सभी पोर्टस में भेज दिया जाता है उस पोर्ट को निर्णय करना होता है कि वह डाटा उसके लिए है कि नहीं और वह रिसीव कर लेता है।
OSI model- physical layer
Data- packets
Hub दो प्रकार के होते हैं-
1. Active hub
2. Passive hub
3. Switch:-
यह भी एक नेटवर्किंग डिवाइस है, जो कि कंप्यूटर और नेटवर्क सेगमेंट्स को आपस में जोड़ने का काम करती है। इसमें कई सारे पोर्ट होते हैं। जब किसी एक पोर्ट से डाटा भेजा जाता है तो उस को किस पोर्ट पर सेंड करना है उसका एड्रेस भी रीड कर लिया जाता है। और डाटा उसी पोर्ट पर सेंड किया जाता है, जिसके लिए वह भेजा गया था। Switch को हम मल्टी ब्रिज भी कहते हैं।