Keyboard का आविष्कार कब और किसने किया कीबोर्ड का इतिहास टाइपराइटर के अविष्कार के साथ ही शुरू होता है। वह Christophe Latham sholes ही थे, जिन्होंने 1868मे पहले व्यवहारिक आधुनिक टाइपराइटर को पेटेंट कराया था ।समय के साथ की तकनीक सुधारों के चलते ही टाइपराइटर धीरे-धीरे standard computer keyboard के रुप में विकसित हुए। सबसे पहले 1878में QWERTY keyboard को कम्प्यूटरों में इस्तेमाल किया गया था।
एक standard keyboard में लगभग101 से 104 button होते हैं। keyboard को computer से connect करने के लिए उसमें PS/2या USB cable होते हैं।
कीबोर्ड कम्प्यूटर का एक पेरिफेरल है, जो आंशिक रूप से टाइपराइटर के कीबोर्ड की भांति होता है। कीबोर्ड कोtext तथा कैरेक्टर इनपुट करने के लिए डिजाइन किया गया है। भौतिक रूप से computer का कीबोर्ड आयताकार होता है। इसमें लगभग 108 keys होती हैं। कीबोर्ड में कई प्रकार की कुंजियां होती है।
जैसे -अक्षर(alphabet), नम्बर (number), चिन्ह (symbol), फंक्शन की(function keys),एरो की(arrow keys)व कुछ विशेष प्रकार कीkeys भी होती है।
कम्प्यूटर कीबोर्ड के प्रकार:-
इस प्रकार के computer keyboard को हम रेगुलर कीबोर्ड के नाम से जानते हैं।ये काफी सस्ते होते हैं और मार्केट मे आसानी से मिल जाते हैं।अगर आपने एक computer ख़रीदा है तो उसके साथ आपको यहीं keyboard दिया जाता है।
इसमें प्रत्येक button के नीचे rubber domeऔर membrane का use किया जाता है, जिसके कारण key press करने पर आप खट-खट की आवाज सुनते हैं।ये उन लोगों के लिए बिल्कुल भी नहीं है, जो typing work ज्यादा करते हैं। हालांकि general use के लिए सबसे अधिक इन्हें ही इस्तेमाल किया जाता है।
1.Mechanical keyboard:-
इनके प्रत्येक बटन के नीचे स्प्रिंग और स्विच का उपयोग किया जाता है । जिन्हें हम machanical switch के नाम से जानते हैं।इसका फायदा यह है कि जब-जब भी आप key press करते हैं, तो उसमें लगे spring के कारण ये उंगलियों को अधिक पुस करता है, जिससे आराम मिलता हैं और fast typing कर पाते हैं। ये regular keyboard की तुलना में अधिक महंगें होते हैं।
2.Gaming keyboard:-
Gaming के उद्देश्य से बनाए गए इन keyboard में प्रत्येक बटन के नीचे machanical switch का उपयोग किया गया होता है, जिससे आपको एक अच्छा gaming experience मिलता है। इन complex keyboard में आपको की unique features देखने को मिलते है। साथ ही आपको different color की back lighting भी देखने को मिलती हैं। price के मामले में अधिक होते हैं।
3.Ergonomic keyboard:-
अगर आप continuously typing करते हैं तो ergonomic keyboard आपके लिए सबसे बेहतर है, क्योंकि इसका design V shape में होता है, जिससे इसे उपयोग करना आपके लिए comfortable हो जाता है। इसका उद्देश्य आपके typing experience के अधिक कुशल बनाना और आपकी उंगलियों को आराम देना है।
4.Wireless keyboard:-
आमतौर पर computer से ये connect होने के लिए ये कीबोर्ड wife या Bluetooth का use करते हैं।मूल रूप से ये mechanical या membrane keyboard हो सकते हैं।
आजकल मार्केट मे wireless keyboard और mouse आम है, अगर आप टेबल वाले keyboard का उपयोग नहीं करना चाहते, तो ये आपके लिए एक अच्छा विकल्प है।
5.Multimedia keyboard:-
एक regular keyboard की तुलना में इनमें कई function के लिए extra key होती है। इसमें volume control और play/pause, जैसे बटन भी दिए होते हैं। विभिन्न प्रकार के कीबोर्ड लेआउट (layout).
Different types of keyboard layout:-
1.QWERTY:-ये कम्प्यूटर या लैपटॉप में सबसे अधिक उपयोग होने वाला कीबोर्ड (keyboard) लेआउट (layout) है। इसके अलावा Qwerty को ही first keyboard layout के रूप में उपयोग किया गया था। वर्ष 1873 में इसे Christophe Latham sholes ने present किया था।इस लेआउट को डिजाइन करने पर मकसद typing में होने वाली mistake को कम करना है।
2.Dvorak:-वर्ष 1936मे August Dvork ने Dvork keyboard layout को प्रस्तुत किया था।ये कीबोर्ड speed typing के लिए डिजाइन किया गया था। इसमें comman letters की(key)को ऐसे लगाया गया था, जिससे वे जल्दी टाइप किए जा सकें। अधिकतर पेशेवर टाइपराइटर इन्हीं keyboard layout का उपयोग करते हैं।
3.AZERTY:-फांस में बना ये keyboard layout अधिकतर France में ही उपयोग किया जाता है। दिखने में बिल्कुल QWERTY layout की तरह ही होता है, परन्तु इसमें लगे पहले six letters इसके नाम पर दिए गए हैं। हालांकि ये कई संस्करण में आते हैं।
4.COLEMARK:-यह एक आधुनिक कीबोर्ड लेआउट हैं। ये वैज्ञानिक रूप से एक टाइपराइटर को fast speed में typing करने की सुविधा देता है,इसे QWERTY और Dvorak keyboard layout का upgrade version माना जाता है।
हम कीबोर्ड को संरचना के आधार पर इसकी कुंजियों को छःभागो में बांट सकते हैं:-
1.एल्फानुमेरिक कुंजियां (alphanumeric keys):-
Alphanumeric keys कीबोर्ड के केन्द्र में स्थित होती है। alphanumeric key में alphabet (A-Z),number(0-9), symbol (@,#,$,%,,*,&,+,=) होते हैं। इस खंड में अंकों, चिन्हों तथा वर्ण माला के अतिरिक्त चार कुंजियां tab,caps,back space तथा enter कुछ विशिष्ट कार्यों के लिए होती हैं।
2.न्यूमेरिक की-पैड(Numeric keypad):-
Numeric keypad में लगभग 17कुंजियां होती हैं। जिनमें 0-9 तक के अंक , गणितीय आपरेटर (mathematics operators) जैसे -+,_,*,/तथा enter key होती हैं।
3.फंक्शन की(function keys):-
कीबोर्ड के सबसे ऊपर संभवतः ये 12 फंक्शन कुंजियां होती है, जो F1,F2,……….F12 तक होती है। ये कुंजियां निर्देशों को शाॅट -कट के रूप में सहायक होती हैं। इन keys के कार्य साॅफ्टवेयर के अनुरूप बदलते रहते हैं।
4.विशिष्ट उद्देशीय कुंजियां (special purpose key):-
ये कुंजियां कुछ विशेष कार्यों को करने के लिए प्रयोग की जाती है। जैसे -sleep ,power, volume,start, shortcut,Esc,tab, insert,home,End, delete इत्यादि। ये कुंजियां नये आपरेटिंग सिस्टम के कुछ विशेष कार्यों के अनुरूप होती हैं।
5.माॅडिफायर कुंजियां (modifier keys):-
इसमें तीन कुंजियां होती है।, जिनके नाम SHIET,ALT,CTRL, है।इनको अकेला दबाने पर कोई खास प्रयोग नहीं होता, परन्तु जब अन्य किसी कुंजी के साथ इनका प्रयोग होता है, तो ये उन कुंजियों के इनपुट को बदल देती हैं। इसलिए ये माॅडिफायर कुंजी कहलाती हैं।
6.कर्सर कुंजियां (curser keys):-
ये चार प्रकार की key होती हैं। Up, Down, Left तथा Right इनका प्रयोग कर्सर को स्कीन पर मूव कराने के लिए किया जाता है।