कंट्रोल पैनल क्या होता है?

कंट्रोल पैनल विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा प्रदान किया गया सिस्टम टूल है जिसके अंतर्गत विंडोज की संपूर्ण सेटिंग से संबंधित ऑप्शन दिए होते हैं, इन ऑप्शंस का यूज करके विंडोज की संपूर्ण सेटिंग की जा सकती है। जैसे नया हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करना, इंस्टॉल्ड सॉफ्टवेयर को रिमूव करना या अनइनस्टॉल करना, प्रिंटर आदि को इंस्टॉल करना विभिन्न डिवाइस जैसे कीबोर्ड, माउस, रिमोट, आदि की सेटिंग करना।

कंट्रोल पैनल

कंट्रोल पैनल एक एमएस विंडोज में महत्वपूर्ण फीचर है, जिसका उपयोग हर एक कंप्यूटर यूज़र को जानना महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि कंट्रोल पैनल का उपयोग कंप्यूटर से रिलेटेड सेटिंग्स और जानकारी प्राप्त करने के लिए होता है।

कंट्रोल पैनल एक ऐसा सेटिंग्स होता है, कंप्यूटर में जहां पर सारी जानकारी दिया होता है, कंप्यूटर के बारे में सेटिंग्स करने के लिए, मैनेज करने के लिए, कंट्रोल पैनल में जाके अपने पूरे सिस्टम को हैंडल कर सकते हैं कि किस तरह से सिस्टम वर्क करें और क्या उसकी जरूरी सेटिंग है बहुत कंट्रोल पैनल के अंदर मिलते हैं।

कंट्रोल पैनल क्या होता है
कंट्रोल पैनल क्या होता है

कंट्रोल पैनल कहां पर होता है और कैसे ओपन करें ?:-

जब भी आप अपने कंप्यूटर को खोलते हैं तो उसमें लेफ्ट साइड में स्टार्ट बटन होता है, जहां विंडोज स्टार्ट बटन पर क्लिक करें उसके बाद राइट साइड में कंट्रोल पैनल का ऑप्शन मिलेगा तथा सर्च बार दिया गया होता है यहां पर सर्च बार में कंट्रोल के नाम से सर्च भी कर सकते हैं। कंट्रोल जैसे ही टाइप करेंगे ऊपर में कंट्रोल पैनल आ जाएगा और इसको ओपन करने का एक और तरीका है।

अपने कीबोर्ड में विंडो की के साथ आर दबाएं इससे रन कमांड बॉक्स खुल जाएगा और टाइप करें कंट्रोल, कंट्रोल लिखकर इंटर प्रेस करें यहां पर कंट्रोल पैनल ओपन होकर आ जाएगा,

एक और छोटा सा तरीका होता है कंट्रोल पैनल खोलने का, अपने कंप्यूटर के डेस्कटॉप पर माउस के बटन को राइट क्लिक करें, राइट क्लिक करते हैं रिफ्रेश करने के लिए तो रिफ्रेश में नीचे पर्सनलाइज्ड का ऑप्शन दिखता है उस पर क्लिक करें जब पर्सनलाइज्ड में जाएंगे तो कंट्रोल पैनल होम आ जाएगा,

यहां से होम में जा सकते हैं होम में क्लिक करने पर कंट्रोल पैनल खुल कर आ जाएगा, यहां सिस्टम एंड सिक्योरिटी का ऑप्शन मिलता है उससे सिस्टम में जो भी चेंज करना है सिक्योरिटी के बारे में वह सारी चीजें यहां से कर सकते हैं।

नेटवर्क एंड इंटरनेट का ऑप्शन मिलता है वहां से अगर आपको किसी के कंप्यूटर से इंटरनेट सेटिंग करना है तो यहां जाकर कर सकते हैं।

अगर कोई हार्डवेयर नहीं चल रहा है इस किसी तरह की परेशानी आ रही है या साउंड में कोई दिक्कत आ रही है तो उसके लिए हार्डवेयर एंड साउंड के ऑप्शन पर जाकर इसे ठीक कर सकते हैं।

प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर में कोई दिक्कत आ रहा है या किसी सॉफ्टवेयर को डिलीट करना है तो उसके लिए प्रोग्राम्स पर जाएंगे और इसे ठीक कर लेंगे।

यूजर का अलग-अलग अकाउंट बनाने के लिए कंप्यूटर को सेफ तरीके से रखने के लिए यूज़र अकाउंट एंड फैमिली सेफ के अंदर जाकर इसे कर सकते हैं।

अगर आपको कंप्यूटर में बैकग्राउंड चेंज करना है या थीम बदलना चाहते हैं कलर आदि चेंज करना चाहते हैं स्क्रीन का रेगुलेशन -घटाना या बढ़ाना चाहते हैं तो उसके लिए अपीरियंस एंड पर्सनलाइजेशन के ऑप्शन पर जाकर यह कर सकते हैं।

इसके बाद क्लॉक लैंग्वेज एंड रीजन का ऑप्शन आता है इसका मतलब यह है की कंप्यूटर के स्क्रीन में राइट साइड में जो घड़ी चल रहा होता है, यहां पर राइट क्लिक करते हैं तो टास्कबार में जो भी डेट और टाइम चल रहा होता है उसमें कोई चेंजस करना है,

डेट सही नहीं है गलत है तो उसको क्लॉक लैंग्वेज एंड रीजन के माध्यम से सही कर सकते हैं।

इसके बाद यह इज ऑफ एक्सेस का ऑप्शन आता है इसका यूज कुछ ज्यादा नहीं किया जाता है हालांकि इसके यूज करना चाहे तो कर ही सकते हैं, कंट्रोल पैनल का यूज़ सबके लिए नहीं होता है कंट्रोल पैनल का मतलब होता है की कंट्रोल पैनल के अंदर कंप्यूटर का पूरा कंट्रोल सेटिंग है वह पूरा कंट्रोल सेटिंग यहां पर दिया गया होता है।

कंट्रोल पैनल का यूज कौन करता है?:-

1.कंट्रोल पैनल एक सिंपल कंप्यूटर यूजर कभी यूज नहीं करता है, कंट्रोल पैनल वह यूज करता है जो स्मार्ट कंप्यूटर यूजर है मतलब कि अगर वह कंप्यूटर में ज्यादातर काम करता है उसे किसी तरह का चेंज करना पड़ता है कुछ ज्यादा एडवांस काम करना पड़ता है, वह कंट्रोल पैनल का यूज करता है।

2. कंट्रोल पैनल का यूज कंप्यूटर सही करने वाला यानी कि कंप्यूटर इंजीनियर, कंप्यूटर इंजीनियर होते हैं वह कंट्रोल पैनल का यूज़ करते हैं क्योंकि जब वे कंप्यूटर में कोई हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करते हैं तो उसमें बहुत सारे ऐसे जानकारी होते हैं जो जिसका सेटिंग करना पड़ता है वह कंट्रोल पैनल में आकर करते हैं।

कंट्रोल पैनल क्या होता है
कंट्रोल पैनल क्या होता है

कंट्रोल पैनल से किसी भी एप्लीकेशन को कैसे डिलीट करें?:-

सबसे पहले कंट्रोल पैनल सर्च करना है, इसके बाद एंटर दबा देना है, और डबल क्लिक कर देना है तथा एंटर करने पर कंट्रोल पैनल ओपन हो जाएगा, अगर आपके लैपटॉप या डेस्कटॉप में आपका कंट्रोल पैनल बाहर है तो आपको और आसानी हो जाएगी आपको सर्च करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी डायरेक्ट डबल क्लिक करके कंट्रोल पैनल ओपन कर सकते हैं।

आपको यहां पर जब भी कोई एप्लीकेशन डिलीट या अनइनस्टॉल करना है तो अनइनस्टॉल प्रोग्राम पर क्लिक करना होगा, क्लिक करने के बाद सारे प्रोग्राम ओपन हो जाएंगे, तथा एप्लीकेशंस भी ओपन हो जाएगा, वहां से जिस किसी फाइल या एप्लीकेशन को डिलीट करना है सिंपली उस पर जाना होगा और जाने के बाद इस पर जैसे ही आप राइट क्लिक करते हैं आपको अनइनस्टॉल का ऑप्शन दिखेगा जैसे ही अनइनस्टॉल पर क्लिक करते हैं इस तरह से सेलेक्ट करके आप किसी भी फाइल एप्लीकेशन को अनइनस्टॉल कर सकते हैं।

डिलीट होने से पहले यह कुछ टाइम ले सकता है तथा डिलीट होने से पहले दो तीन ऑप्शन आएगा जिसमें आपको अनइनस्टॉल के ऑप्शन पर क्लिक करना है और नेक्स्ट, नेक्स्ट करने के बाद डिलीट हो जाएगी, इसके लिए आपको एक रीजन डालना होगा, अगर आपको रिजल्ट पता है तो डाल दे अन्यथा अदर के ऑप्शन पर सेलेक्ट करें अब यह अनइंस्टॉल होने लगेगा।

कंट्रोल पैनल को छोटे रूप में क्या कहा जाता है या शॉर्टकट नेम क्या होता है?:-

कंट्रोल पैनल को शॉर्टकट में सीपैनल(C panel) कहां जाता है। WEB STORY

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कंट्रोल पैनल की विशेषताएं(features of control panel in Hindi):-

1.Date and Time :-

यदि आपके कंप्यूटर की डेट और टाइम को सेट करना हो तो डेट एंड टाइम पर क्लिक करके, यहां से चेंज डेट एंड टाइम के ऑप्शन पर क्लिक करके जो डेट सेट करना है वह डेट सेट कर सकते हैं, और जो टाइम सेट करना है वह टाइम सेट करके ओके पर क्लिक कर दें, तो डेट एंड टाइम से हम डेट और टाइम को चेंज कर सकते हैं।

2. Desktop gadgets:-

डेस्कटॉप गैजेट्स पर क्लिक करके ,आप अपने डेस्कटॉप पर क्या चाहते हैं, जैसे कि यहां कैलेंडर, क्लॉक, वेदर इस प्रकार से बहुत से गैजेट्स के ऑप्शन आते हैं, इसके माध्यम से इनको सेट कर सकते हैं।

3. Device manager:-

इसमें जो डिवाइस कनेक्ट होते हैं उसके बारे में इंफॉर्मेशन लेते हैं, इसमें माय कंप्यूटर पर राइट क्लिक करके, मैनेज में जाकर डिवाइस मैनेजर पर क्लिक करके भी डिवाइस मैनेजर को ओपन किया जा सकता है, और कंट्रोल पैनल के अंदर हम डायरेक्ट डिवाइस मैनेजर को ओपन कर सकते हैं।

4. Devices and printer:-

हमारे कंप्यूटर में जो भी डिवाइसेज कनेक्टेड होते हैं नेटवर्क से या प्रिंटर उनकी जानकारी इसके माध्यम से हम ले सकते हैं। इसके लिए हम डिवाइसेज एंड प्रिंटर पर क्लिक करें, जो भी हमारे कंप्यूटर में प्रिंटर कनेक्ट होते हैं वह शो होने लगते हैं, और जो भी डिवाइस कनेक्ट है उसका नाम दिखने लगेगा।

5.Display :-

यह हमारे कंप्यूटर के डिस्प्ले प्रॉपर्टीज होती है जिसके अंदर हम कंप्यूटर का रेगुलेशन को सेट कर सकते हैं एडजस्ट रेगुलेशन में जाकर ब्राइटनेस सेट कर सकते हैं, चेंज डिस्प्ले सेटिंग में जाके कंप्यूटर का रेगुलेशन जो भी रखना है वहां सेट करके ओके पर क्लिक करके कर सकते हैं।

6. Folder option:-

फोल्डर ऑप्शन पर क्लिक करके यदि हम किसी फोल्डर को हिडन करना चाहते हैं, तो फोल्डर पर राइट क्लिक करके प्रॉपर्टीज पर क्लिक करें, और टिक लगाकर अप्लाई कर दें यह फोल्डर यहां से हिडन हो जाएगा, और अगर इसे दोबारा से आप देखना चाहते हैं तो कंट्रोल पैनल के अंदर जाकर , फोल्डर ऑप्शन में जाकर यहां से सो हे डर फाइल पर क्लिक कर देते हैं और इस पर क्लिक करने के बाद अप्लाई करते हैं तो जो फाइल हमने लीडर किया था वह शो होने लगेगा।

7. Font :-

हमारे कंप्यूटर के अंदर कई प्रकार के कौन होते हैं वैसे हिंदी फोंट, इंग्लिश फोंट, मैथ्स के फोंट होते हैं आदि अलग-अलग प्रकार के फोंट होते हैं उनको यदि अपने कंप्यूटर में डालना चाहते हैं, तो फोन्ट वाले फोल्डर में जाकर बहुत सारे फोन्ट के ऑप्शन दिखते हैं यहां से इनको कॉपी करना होता है, कॉपी करने के बाद ही किसी टाइपिंग वाले सॉफ्टवेयर के अंदर इस फोन्ट शो होते हैं।

8.Keyboard :-

यह ऑप्शन कीबोर्ड की सेटिंग्स के लिए होता है, इसके लिए कीबोर्ड पर क्लिक करते हैं, क्लिक करने के बाद कीबोर्ड की सेटिंग्स में कर्सर बिलिंग और रिपीट रेट इन दोनों ऑप्शन का यूज करते हैं।

कंट्रोल पैनल क्या होता है
कंट्रोल पैनल क्या होता है

9.Mouse :-

इसके लिए हम माउस पर आते हैं और माउस के सेटिंग्स को चेंज कर सकते हैं, चेंज करने के लिए माउस में जाते हैं, माउस के अंदर एक रोलर बटन तथा लेफ्ट और राइट बटन होता है। स्विच पर क्लिक करने से माउस का लेफ्ट बटन होता है वह राइट क्लिक वाला काम करने लगता है, और राइट क्लिक वाला बटन होता है वह लेफ्ट बटन का काम करने लगता है।

10. Power option:-

पावर ऑप्शन के द्वारा हम पावर सेवर पर क्लिक करके जो लैपटॉप की बैटरी को ज्यादा खर्च करता है या लैपटॉप में बैटरी ज्यादा खर्च होता है तो हम पावर सेवर पर क्लिक करके , बैटरी के चार्ज को ज्यादा टाइम तक चला सकते हैं।