Computer वायरस क्या है? Best जानकारी 2022

कंप्यूटर वायरस:-ये इलेक्ट्रॉनिक कोड होते हैं, जिसका उपयोग कंप्यूटर में उपस्थित सूचनाओं को नष्ट करने के लिए, कंप्यूटर को बंद करने के लिए या सूचनाओं को एक जगह से दूसरी जगह आदान प्रदान करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

वायरस का पूरा नाम- Vital information resource under siege होता है।

यह वायरस कंप्यूटर को कई प्रकार से छती पहुंचाता है, जिससे हमारा सिस्टम धीरे-धीरे कर खराब होते हुए स्लो चलने लगता है, और हैंग होने लगता है।

वायरस साइज में बहुत छोटा होता है लेकिन इसका इंपैक्ट जो वर्क होता है वह बहुत ही बड़ा होता है यह हमारे नेट को श्लो कर देते हैं, किसी फाइल को डुप्लीकेट बना देते हैं या किसी फाइल के अंदर की चीजों को डिलीट कर देते हैं इस तरीके से वायरस यूजर को परेशान करने का कार्य करते हैं।

Computer वायरस क्या है? Best जानकारी 2022
Computer वायरस क्या है? Best जानकारी 2022

कंप्यूटर Virus का इतिहास:-

सबसे पहले वायरस रॉबर्ट थॉमस के द्वारा बनाया गया था, ये कंप्यूटर इंजीनियर थे इन्होंने 1971 में कृपर नाम का एक सॉफ्टवेयर बनाया था, जो की सिस्टम में कोई भी प्रॉब्लम क्रिएट नहीं करता था लेकिन हमारे सामने जो स्क्रीन होती थी उसके ऊपर आकर हमारे कार्य को रोकने का प्रयास करता था।

सामने स्क्रीन पर एक मैसेज I’m the creeper catch me if you can लिख देता था , यह थोड़ी थोड़ी देर पर अगेन एंड अगेन लिख कर के आने लगता था, जिससे कंप्यूटर पर काम करने वाले लोगों को काफी ज्यादा प्रॉब्लम होता था।

तो पहला वायरस creeper नाम का ही बनाया गया था, 1971 में जब यह वायरस बना था तो इस वायरस का नाम ट्रैंक सॉफ्टवेयर या फिर कंप्यूटर प्रोग्राम ही था, उस समय इसे वायरस के नाम से कोई भी नहीं जानता था लेकिन बाद में कंप्यूटर इंजीनियर ने इसका नाम चेंज करके कंप्यूटर वायरस रख दिया, क्योंकि बहुत सारे ऐसे सॉफ्टवेयर मार्केट में अवेलेबल हो गए थे कि जो कि कंप्यूटर में काफी सारी प्रॉब्लम क्रिएट करते थे।

कंप्यूटर के बारे में

कंप्यूटर वायरस कौन बनाता है:-

कंप्यूटर वायरस कुछ इंजीनियर या कंप्यूटर लैंग्वेज जिनको अच्छे तरीके से आता है वह सामने वाले यूज़र को परेशान करने के लिए इस तरीके के सॉफ्टवेयर को बनाते हैं, इस तरीके के सॉफ्टवेयर को डेवलप करते हैं, जिससे कि सामने वाले यूज़र के इंफॉर्मेशन को चोरी कर सके उसको कंप्यूटर चलाने में दिक्कत कर सके, और हैकर के द्वारा भी डाटा को चोरी करने के लिए कई प्रकार के सॉफ्टवेयर बनाए जाते हैं जो हमारे वायरस होते हैं।

वायरस के प्रकार:-

1.Boot Record virus:-

यह वायरस डायरेक्टली हमारे रैम में स्टोर हो जाता है, या कंप्यूटर के बूट सेक्टर में यह वायरस स्टोर होता है तो जैसे ही हम ऑपरेटिंग सिस्टम को लोड करते हैं यह हमारा ऑटोमेटिक सामने स्क्रीन पर काम करने लगता है और बिना एंटीवायरस को पता चले यह लोंग टर्म तक हमारे सिस्टम में रह सकता है,

इसको हटाने के लिए कंप्यूटर को फॉर्मेट करना पड़ता है, जैसे ही आप अपने कंप्यूटर को फॉर्मेट करेंगे जो भी वायरस स्टोर रहेगा वह हार्ड डिस्क से डिलीट हो जाएगा।

2.Direct Action virus:-

यह वे वायरस होते हैं जो डायरेक्टली डाउनलोड हो जाते हैं और ऑटोमेटिक इंस्टॉल भी हो जाते हैं, यह सिर्फ एक क्लिक पर डाउनलोड होता है इसके इंस्टॉल होने के बाद यह फालतू का काम करना स्टार्ट कर देता है, जिसे आप रोक नहीं सकते और कभी कभी ऐसा भी होता है कि हमारे जो एंटीवायरस होते हैं इनको डिटेक्ट नहीं कर पाते हैं।

अगर यह डायरेक्ट एक्शन वायरस इंस्टॉल हो गया है , या आपके पीसी में आ गया है तो यह आपकी फाइलों को डायरेक्टली अपना एक्शन परफॉर्म करना स्टार्ट कर देता है, आपकी फाइलों को सीधे डिलीट कर सकते हैं, कंप्यूटर को बार-बार रिस्टार्ट करते रहते हैं ,या आपके नेट को नहीं चलने देंगे अनेक प्रकार के प्रॉब्लम यह क्रिएट करते रहते हैं, इसके लिए आपको एक प्रीमियम अच्छा एंटीवायरस डाउनलोड करना पड़ेगा।

3.Multipartaite virus:-

मल्टीपैरटाइट virus ऐसे वायरस होते हैं जो कंप्यूटर में हमारे एक्सक्यूटल फाइल और इसके साथ ही साथ हमारे जितने भी बूट सेक्टर होते हैं उन सबको यह क्षति पहुंचाने का कार्य करता है,

Computer वायरस क्या है? Best जानकारी 2022
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और हमें कंप्यूटर को बहुत ज्यादा परेशानी में डाल देता है जिससे कि हमारा सिस्टम काम करना बंद कर देता है।

4.Polymorphic virus :-

यह virus एक ऐसा वायरस होता है जो की अपने आप को रिप्लिकेट करते रहता है , अपने आप को डबल करते रहता है और जितने बार भी यह अपने आप को डबल करता है फाइल के संख्या को बढ़ाता है, फोल्डर की संख्या को बढ़ाता है, पहुंच जितनी बार भी यह आगे बढ़ता है इतनी बार यह एक नए नाम से फाइल को क्रिएट कर लेता है जिस वजह से हमारे एंटीवायरस इनको डिटेक्ट करने में बहुत ज्यादा परेशानी क्रिएट करता है।

5.Over write virus:-

यह हमारे फाइलों को सीधे-सीधे ओवरराइट करता है आपके फाइल के अंदर जो भी मैटर होते हैं उन्हें यह लीड कर देता है और अपने से उसमें कुछ ना कुछ मटेरियल को स्टोर करा देता है, इसके कारण आप के जितने भी इंपोर्टेंट फाइल होते हैं उनके अंदर जितने भी मेन मैटर होते हैं उनको डिलीट करने का कार्य करता है, जिससे आप बहुत ज्यादा परेशानी में पड़ जाते हो, इसे भी हमारा एंटीवायरस जल्दी से खोज नहीं पाता है।

6.File infector virus:-

यह ऐसे वायरस होते हैं जो डायरेक्टली फाइल को टारगेट करते हैं, और हमारे जो फाइल होते हैं उनके अंदर जितने भी डॉक्यूमेंट होते हैं या जितने भी फाइल होते हैं उनको यह डिलीट कर देते हैं और उसी नाम का एक नया फाइल बना देते हैं, इसके बाद यूज़र जब भी उस फाइल को ओपन करता है तो उनको वह मैटर नहीं मिलता है जो वो फाइल में स्टोर करके रखे रहते हैं।

7.Macro virus:-

यह virus सीधे-सीधे एक्सेल की फाइल को, या वह सॉफ्टवेयर जो माइक्रो का यूज करते हैं उनको ही टारगेट करता है और उसके अंदर जो भी मैटर लिखे होते हैं वह माइक्रो का यूज़ बनाए गए हैं तो उनको चेंज कर देता है।

8.Resident virus:-

यह परमानेंट हमारे कंप्यूटर में स्टोर रहता है और यह अपने आप को डबल बनाकर रखता है, एक कॉपी बनाकर रखता है अगर इसकी कोई भी एक पार्ट या कॉपी पकड़ी जाती है तो वह दूसरी ऑफिस से अपने आप को फिर से दो बना लेता है और यह हमारे कंप्यूटर के मेमोरी में ही स्टोर होकर रहता है, यह कंप्यूटर के रैम मेमोरी में ही स्टोर रहता है जिसकी वजह से इनको पकड़ पाना बहुत मुश्किल होता है और हमारे एंटीवायरस उनको जल्दी से डिटेल नहीं कर पाता है।

9.Rootkit virus :-

यह बाकी सभी वायरस से अनोखा होता है, कुछ ऐसे सॉफ्टवेयर जिनको हम इललिगल वेबसाइट से डाउनलोड करते हैं या ऐसे वेबसाइट से डाउनलोड करते हैं जिनके बारे में हमें पता नहीं होता है।

वहां से अगर हम इनको डाउनलोड करते हैं तो यह हमारे रूट किट वायरस जो सॉफ्टवेयर हमने डाउनलोड किया है उस सॉफ्टवेयर के माध्यम से जैसे ही हम उन सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करते हैं हमारे कंप्यूटर सिस्टम में ये भी इंस्टॉल हो जाते हैं और यह इतने ज्यादा खतरनाक होते हैं कि जैसे ही यह हमारे कंप्यूटर सिस्टम में इंस्टॉल होते हैं यह हैकरो के लिए आसान कर देते हैं।

जैसे इस सॉफ्टवेयर को हम अपने कंप्यूटर सिस्टम में इनस्टॉल करते हैं यह हैकरो के लिए एक अलग से दरवाजा ओपन कर देता है जिससे कि हैकर हमारे कंप्यूटर सिस्टम में डायरेक्टली हमारे किसी भी फाइल, फोल्डर को एक्सेस कर सकते हैं, हमारे किसी भी प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर को एक्सेस कर सकते हैं और हमारे पर्सनल फाइल को डिलीट भी कर सकते हैं, चोरी भी कर सकते हैं और अलग अलग तरीके से नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।

Computer वायरस क्या है? Best जानकारी 2022
Computer वायरस क्या है? Best जानकारी 2022

इसके लिए आपको रूट कीट स्केनर की आवश्यकता पड़ती है जो कि प्रीमियम एंटीवायरस के साथ आपको फ्री में मिल जाता है।

10.Worms :-

यह वायरस जब भी आपके सिस्टम में आते हैं तो फाइल के अंदर एक कॉफी बना देते हैं, हर फोल्डर के अंदर अपनी एक कॉपी बना देते हैं जिससे कि जितने भी फोल्डर होते हैं वह सब के अंदर एक कॉपी बन जाती है, और आपके कंप्यूटर सिस्टम की जो स्टोरेज होती है

वह बहुत ज्यादा फुल होना स्टार्ट हो जाती है और जब भी आप अपने कंप्यूटर में पेनड्राइव लगाते हैं, मेमोरी कार्ड लगाते हैं, यूएसबी लगाते हैं, इनमें कोई भी डाटा ट्रांसफर करने की कोशिश करते हैं तो यह ऑटोमेटिक उन फोल्डर के थ्रू कॉपी हो जाते हैं और जहां जहां उन यूएसबी डाटा केवल को लगाएंगे, जहां जहां पर पेन ड्राइव को लगाएंगे वह सभी जगह ऑटोमेटिक फैलते चले जाते हैं,

इनको भी एंटीवायरस के द्वारा डिटेक्ट करना मुश्किल होता है, लेकिन ये कुछ एंटीवायरस के पकड़ में आ जाते हैं जो कि प्रीमियम वर्जन के होते हैं।

11.Trojan virus:-

यह आज तक का सबसे खतरनाक वायरस है, इतना ज्यादा खतरनाक होता है कि अगर यह हमारे कंप्यूटर सिस्टम में आ जाता है तो हमारा फाइल होता है उनको यह डिलीट कर देता है, सी ड्राइव को फॉर्मेट कर देता है, जहां ऑपरेटिंग सिस्टम इनस्टॉल रहता है उसके साथ ही साथ हमारे हार्ड डिस्क को भी क्रैश करने का कार्य करता है।

वायरस के लक्षण(how to identify virus):-

1. जब हमारे सिस्टम में वायरस आ जाती हैं हमारे सिस्टम की जो परफॉर्मेंस होती है बहुत ज्यादा स्लो हो जाती है और कोई भी फाइल जब ओपन करने का काम करते हैं, या कोई भी प्रोसेस करते हैं, तो सिस्टम कि स्पीड बहुत ज्यादा स्लो जाती है।

2. स्क्रीन पर बार-बार आपको पॉपअप दिखने लगेगा, जिसको आपको बार-बार क्लोज करना पड़ेगा और जितनी बार आप उनको क्लोज करोगे उतने बार वह तुरंत ही ओपन हो जाएंगे।

3. जिस फाइल को आपने स्टोर करके रखा है वह फाइल अगर आपको अलग अलग फोल्डर के अंदर दिखाई देना स्टार्ट हो जाए, या एक ही फाइल आपको कई जगह आपके ड्राइव या फोल्डर में दिखाई देने लगे तो आप समझ जाइए आपके कंप्यूटर सिस्टम में वायरस आ चुका है।

4. जब भी कंप्यूटर सिस्टम में वायरस आते हैं हमारा जो प्रोग्राम होता है वह ऑटोमेटिक ओपन होना स्टार्ट हो जाता है, अपने आप चालू होने लगता है जिसको बार-बार क्लोज करना पड़ता है, और फिर से वह ओपन हो जाता है।

5. जब भी फाइल, फोल्डर आप ओपन करते हैं, जो फाइल आप 1 दिन या कुछ दिन पहले ओपन किए रहते हो, उसको कुछ समय बाद ओपन करते हो तो और ओपन नहीं हो रहा है तो फाइल मिसिंग बता रहा है या उसमें किसी तरह की प्रॉब्लम आ रही है, तो उस में वायरस आ चुका है।

6. आपके हार्ड डिस्क में अचानक से कभी आवाज आना स्टार्ट हो जाता है, तो यह भी वायरस का एक लक्षण होता है।

वायरस से बचाने का तरीका:-

1. इसके लिए सबसे पहले आपको अच्छा और प्रीमियम एंटीवायरस डाउनलोड करके रखना है और हमेशा उसको टाइम पर रिमूव करते रहना है जिससे फालतू के जो वायरस होते हैं वह हमारे कंप्यूटर सिस्टम में आने से रोकता है।

2. ऐसे किसी भी ईमेल को ओपन नहीं करना है इनके बारे में आपको पता नहीं होता है।

3. आपको किसी भी ऐसे वेबसाइट पर विजिट नहीं करना है जिनके बारे में आपको कोई आईडिया नहीं है, कुछ वेबसाइट ऐसी होती है जिनके ऐड्रेस बार होते हैं वहां पर लॉक लगा होता है, और कुछ वेबसाइट पर लॉक नहीं लगा होता है तो अगर आप ऐसे वेबसाइट पर विजिट कर रहे हो जिस पर लॉक नहीं लगा है तो वहां से आपको कोई भी एप्लीकेशन डाउनलोड नहीं करना है।

4. आपको किसी भी ऐसे पेनड्राइव को अपने सिस्टम में नहीं लगाना चाहिए जिसके बारे में आपको बिल्कुल भी पता नहीं हो।

5. जब भी आप किसी इंटरनेट या वेबसाइट पर विजिट करते हो, ध्यान में रखना है कि वह वेबसाइट ट्रस्टेड हो, वहीं से आप किसी भी फाइल को डाउनलोड करें।

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