C language क्या है? – Best Language in 2022

C language एक माध्यम स्तर (middle level) लैंग्वेज है। इसे मिडल लेवल लैंग्वेज इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह उच्च स्तर तथा निम्न स्तर मशीन लेबल के फ्यूचर को सपोर्ट करता है। इन दोनों के बीच में जो गैप होता है उसे खत्म करता है।यह procedure oriented प्रोग्रामिंग लैंग्वेज हैं।

इसे महान वैज्ञानिक Dennis Ritchie ने डेवलप किया था। Dennis Ritchie एक वैज्ञानिक थे, वो एक ऑपरेटिंग सिस्टम बनाना चाहते थे, यूनिक्स नाम का इसीलिए उन्होंने एक लैंग्वेज बनाया जिसका नाम उन्होंने C language रखा। इस C language का यूज करके उन्होंने अपना पहला ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम।

आज के टाइम में C language का उपयोग सिस्टम प्रोग्रामिंग का डिजाइन और ऑपरेटिंग सिस्टम को बनाने के लिए। Dennis Ritchie ने 1972 में यूएसए में at & T bell लेबोरेटरी में C language को डिवेलप किया।

C language का परिचय(introduction to C language):-

C language इस समय सामान्य उपयोग में आने वाली सर्वाधिक प्रचलित प्रोग्रामिंग भाषा है। C language में बनाए जाने वाले प्रोग्राम से अधिक सक्षम, तीव्र तथा बेहद पोर्टेबल होते हैं। इसका अर्थ है कि किसी एक कंप्यूटर पर बने प्रोग्रामों को दूसरे कंप्यूटर पर चलाया जा सकता है।

यह तथ्य भी सुखद आश्चर्य देने वाला है कि कंप्यूटर जगत के दो सबसे प्रसिद्ध ऑपरेटिंग सिस्टम यूनिक्स तथा विंडोज कि अधिकांश कोडिंग C language में ही लिखी गई है

C language में लो लेवल लैंग्वेज तथा हाई लेवल लैंग्वेज दोनों के ही गुण होते हैं। इसे मिडल लेवल लैंग्वेज की श्रेणी में रखा जाता है। लो लेवल लैंग्वेज के गुणों के कारण इसके द्वारा सिस्टम के किसी भी हार्डवेयर को एक्सेस किया जा सकता है।

इसे रजिस्टर्ड लेवल पर चलाया जा सकता है, तथा उच्च गति वाले असेंबली लैंग्वेज रूटीनस के साथ कार्य किया जा सकता है। C language इन दोनों के बीच में आती है अतः इसे मिडल लेवल लैंग्वेज कहा जा सकता है।

अपने इस विशिष्ट गुण के कारण यह विभिन्न एप्लीकेशन प्रोग्राम तथा सिस्टम सॉफ्टवेयर निर्मित करने में उपयोगी है। C language प्रोग्रामिंग भाषा की उत्पत्ति 1972 में अमेरिका की बेल लैबोरेट्रीज में हुई थी। इसे तैयार करने वाले व्यक्ति का नाम डेनिश रिची था। इस भाषा का नाम सी सुनने में बहुत ही विचित्र प्रतीत होता है परंतु इसके पीछे एक मजेदार कहानी है।

C language क्या है
C language क्या है

C language को यह नाम बेल लैबोरेट्रीज के ही एक अन्य प्रोग्रामर केन थॉमसन द्वारा रचित पूर्ववर्ती बी लैंग्वेज के कारण मिला।

उन्होंने यह ना 1977 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय में लिखित एक प्रोग्रामिंग भाषा,BCPL (basic combined programming language) से लिया गया उन्होंने,BCPL का प्रथम अक्षर लेकर अपनी प्रोग्रामिंग भाषा का नाम B रख दिया।

जब इस भाषा का आज की भाषा के रूप में नवीनीकरण किया गया तो इसका नाम बीसीपीएल के दूसरे अक्षर के अनुरूप सी रख दिया गया।

C language एक कंपाइल्ड लैंग्वेज है। इसका अर्थ है कि इस में बनाए जाने वाले किसी प्रोग्राम को पहले एक साथ मशीन लैंग्वेज में बदलकर उसका आउटपुट दिखाया जाता है। C language का कोई एक ही कंपाइलर नहीं है, कई भिन्न-भिन्न कंपनियों ने अपने हिसाब से सी के कंपाइलर्स बना लिए हैं।

कई प्रकार के कंपाइलर्स होने के कारण C language प्रोग्राम को एक कंप्यूटर से ले जाकर किसी अन्य कंप्यूटर पर जाकर चलाना मुश्किल हो गया। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए 1983 में एक कमेटी का गठन किया गया। अगले 6 वर्षों के बाद सी प्रोग्रामिंग भाषा का एक मानक तैयार किया गया इसका नाम ANSI (American National standard institute) रखा गया।ANSI C को प्रथम बार 1990 में बाजार में उतारा गया। अब सभी सी कंपाइलर,ANSI C के मानकों के अनुरूप ही डिजाइन किए जाते हैं।

C language का सिंटेक्स(syntax of c):-

जिस तरह से मैथमेटिक्स में प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए फार्मूला होता है, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में सिंटेक्स होता है।

प्रोग्राम को लिखने के लिए कुछ सिंटेक्स दिया जाता है इसका यूज करके आप प्रोग्राम लिख सकते हैं।

#include<stdio:h>

#include<conio:h>

# इस सिंबॉल को C language में प्रीप्रोसेसर डायरेक्टिव बोला जाता है।

Stdio :- यह है कि स्टैंडर्ड लाइब्रेरी होता है। C language में इसी के अंदर सारे प्रिडिफाइंड जिनका न्यूज़ हम अपने प्रोग्राम में करते हैं। इसका पूरा नाम स्टैंडर्ड इनपुट आउटपुट होता है।

Conio :-इसका मतलब होता है कंसोल इनपुट आउटपुट।

C language प्रोग्रामिंग का संरचना(structure of C programming):-

C language के प्रत्येक प्रोग्राम में कम से कम एक फंक्शन अवश्य होता है। हालांकि एक से अधिक फंक्शन की उपस्थिति भी संभव है। फंक्शन एक ऐसा भाग होता है जिसके अंदर एक या अनेक स्टेटमेंट लिखे हो सकते हैं। प्रत्येक फंक्शन का कार्य भिन्न हो सकता है। एक ही प्रोग्राम के अलग-अलग फंक्शन के परस्पर फंक्शन कॉल के माध्यम से जोड़ा जाता है। इन्हें कई बार subroutines, subprograms या‌ procedures भी कहा जाता है।

1. Preprocessor directives:-

प्रत्येक सी प्रोग्राम के अंदर पाए जाने वाले फंक्शन के लिए कुछ हेडर फाइल जिम्मेदार होती है। बाय डिफॉल्ट, प्रत्येक हेडर फाइल का एक्सटेंशन .h होता है। प्रत्येक header file को अपने से प्रोग्राम में निम्न कमांड द्वारा शामिल करवाया जाता है-

{} include<header filename>

Or

{} include “header filename”

किसी header file को अपने प्रोग्राम में शामिल करके आप उस header file में बने हुए फंक्शंस का प्रयोग कर सकते हैं।

C language क्या है
C language क्या है

2.Global variable declaration:-

यहां पर दिए जाने वाले वेरिएबल को आप अपने प्रोग्राम के एक से अधिक फंक्शंस में उपयोग कर सकते हैं। इन्हें ग्लोबल वेरिएबल कहा जाता है। ये वेरिएबल सभी फंक्शंस के बाहर डिक्लेअर किए जाते हैं।

3.Main () :-

C language में लिखे जाने वाले प्रत्येक प्रोग्राम में main() का होना आवश्यक है। यह ध्यान रहे कि इसके साथ आवश्यक रूप से लगाई जाने वाली ब्रैकेट्स () खाली हो। यह प्रोग्राम का प्रारंभिक बिंदु होता है। यह फंक्शन प्रोग्राम में कहीं भी रखा जा सकता है, परंतु सामान्यतया सभी फंक्शन में सबसे पहले ही रखा जाता है। एक प्रोग्राम में एक से अधिक main() नहीं हो सकते हैं।

4.Local variable declaration:-

यहां पर वे सभी वेरिएबल डिक्लेयर किए जाते हैं जो सिर्फ इसी फंक्शन के अंदर उपयोग में लाए जा रहे हैं।

5.Comments :-

यह भाग आवश्यक नहीं होता है। हालांकि प्रोग्राम को बेहतर ढंग से समझने के लिए कमैंट्स लगाई जानी चाहिए। यह प्रोग्राम का non – executable भाग होता है अर्थात प्रोग्राम का execution के समय इन पर ध्यान नहीं दिया जाता है। कॉमेंट्स में डाले जाने वाले प्रथम को/*तथा*/ के मध्य रखा जाता है। कमेंट को एक से अधिक लाइंस तक फैलाया जा सकता है।

Output (first run):-

Enter the radius = 5.2

Area of the circle = 84.905594

Output (second run):-

Enter the radius = 10

Area of the circle = 314.000000

Note :-

1.stdio .h एक header file है।#include <stdio.h>के कारण कंपाइलर द्वारा एक फाइल के कांटेक्ट को प्रोसेस किया जाता है। हेडर फाइल के द्वारा प्रोग्राम में उपयोग लिए जा रहे फंक्शन के बारे में कंपाइलर को सूचना दी जाती है।

2.main() के अंदर सभी कथन curly braces ({}) के मध्य रखे जाते हैं। {से main() के प्रारंभ तथा} से main ()के अंत का पता चलता है।

3. अगली पंक्ति float radius, area; के द्वारा दो वेरिएबल रेडियस तथा एरिया को निर्धारित किया गया है जो फ्लोट टाइप का डाटा लेते हैं। इससे कंपाइलर द्वारा इन वेरिएबल के लिए प्राइमरी मेमोरी में उपयुक्त स्थान रखा जाता है। कोई भी वेरिएबल खाली नहीं हो सकता है, इनमें कंपाइलर की ओर से कोई भी वैल्यू (garbage value) डाल दी जाती है।

4. परिणाम दिखाने वाले क्षेत्र को क्लियर करने के लिए clrscr () लगाया जाता है। इसका पूर्ण रूप क्लियर स्क्रीन होता है।

5. Scanf() , जो stdio.h header file में होता है। यह फंक्शन यूजर से इनपुट लेने का कार्य करता है। यहां पर यूजर द्वारा डाली जाने वाली कोई भी संख्या रेडियस नामक वेरिएबल में स्टोर होगी।

6. Printf (),जो stdio.h header file से लिया गया है। यूजर स्क्रीन पर आउटपुट दिखाने का कार्य करता है।

7. Printf () द्वारा एरिया को यूज़र के स्क्रीन पर दिखाया जाता है।

C++ language क्या है?:-

यह कंप्यूटर एक मशीन है। जो बहुत कम टाइम के अंदर बहुत सारे कैलकुलेशन को कर सकता है। पर यह एक मशीन है तो खुद से कुछ नहीं कर सकता है जो भी काम इस कंप्यूटर को करना है उसके लिए यूज़र को निर्देश देना पड़ता है। या फिर हमें बताना पड़ता है कि क्या करना है। और यह निर्देश जिन्हें हम इन कंप्यूटर को देते हैं उन्हें हम प्रोग्राम कहते हैं। जो कोई इंट्रडक्शन को राइट करता है या फिर निर्देश को राइट करता है उसे प्रोग्रामर कहते हैं।

C language क्या है
C language क्या है

C language या अन्य भाषा को यूज करके इन प्रोग्राम को रीड किया जाता है या फिर जिस भाषा को यूज़ करके निर्देश को राइट किया जाता है उसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कहते हैं। तो जो प्रोग्रामर है वह प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को यूज करके प्रोग्राम को रीड करता है और उन प्रोग्राम्स के अनुसार कंप्यूटर कार्य करता है।

C++ यह प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। जिसे यूज करके हम कंप्यूटर के लिए प्रोग्राम्स या फिर निर्देश को राइट कर सकते हैं। या एक भाषा है जिसके जरिए हम कंप्यूटर से बात कर सकते हैं। उसे बता सकते हैं कि क्या-क्या करना है या फिर निर्देश दे सकते हैं।

C++ लैंग्वेज का इतिहास:-

इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को 1979 में newjersey At & T के लैबोरेट्री में Bjarney stroustrup और उनकी टीम ने क्रिएट किया।

जब इस लैंग्वेज को क्रिएट किया गया तभी इसका नाम दिया गया C with classes,c++प्रोग्रामिंग को क्रिएट करने से पहले‌ C language प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जो है एक बहुत फेमस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज था। और आज भी यह फेमस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। पर उस वक्त जैसे ही साल बितते गया कंप्यूटर प्रोग्राम्स का साइज बढ़ता गया, और प्रोग्रामिंग के जो कंपलेक्सिटी है वह भी बढ़ता गया।

C language प्रोग्रामिंग लैंग्वेज यह बहुत फेमस था इसके कुछ लिमिटेशन थे जो इसके प्रोग्राम का साइज और उसका कंपलेक्सिटी बढ़ता गया इस सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को यूज करके उन प्रोग्राम को राइट करना थोड़ा डिफिकल्ट होता था।

तो उस वक्त एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की जरूरत थी, जो बहुत बड़े और कॉन्प्लेक्स प्रोग्राम्स को आसानी से राइट करने में मदद करें। इसके लिए C++प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को क्रिएट किया गया।

C++ programming language -general term

General purpose programming language:-

इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग करके डिफरेंट टाइप के एप्लीकेशन को क्रिएट किया जा सकता है।c++यह एक जनरल परपज प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। इसका मतलब यह है किc++को यूज करके बहुत तरीके के एप्लीकेशन क्रिएट कर सकते हैं।

Middle level language:-

C++यह एक मीडिल लेवल लैंग्वेज है।

Compiled language

C++सीखने के फायदे:

1.c++यह एक रिलाएबल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। और इसे यूज करके ऐसे कोड लिख सकते हैं जो अच्छा परफॉर्मेंस देते हैं।

2. इसका यूज करके जो प्रोग्राम लिखेंगे वह बहुत फास्ट रन होगा।

3. और यह एक एफिशिएंट लैंग्वेज होता है।

C++ का उपयोग:-

1. इसका यूज गेम को डिवेलप करने के लिए भी किया जाता है।

2. Embeded divice इन्हें प्रोग्राम करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

3. जो इमेज एडिटिंग सॉफ्टवेयर होते हैं, जैसे फोटोशॉप, इमेज रेडी ऐसे सॉफ्टवेयर में भी इसका यूज होता है।

4. इसका उपयोग करके ग्राफिकल यूजर इंटरफेस GUI, वाले एप्लीकेशन को इंस्टॉल करके डिवेलप कर सकते हैं।

5. जिन एप्लीकेशन के अंदर बटन, मैन्यू होता है ऐसे एप्लीकेशन को इसका यूज करके डेवलप कर सकते हैं।

6. इसका उपयोग वेब डेवलप करने के लिए भी किया जा सकता है।

7. मेडिकल और इंजीनियरिंग फील्ड में ऑप्टिकल्स सॉफ्टवेयर को डिवेलप करने के लिए किया जाता है।