डाटा संचार एवं नेटवर्किंग?

डाटा संचार क्या है?:-

डाटा संचार जैसे अंग्रेजी में डाटा कम्युनिकेशन (data communication)भी कहा जाता है। के माध्यम से दो डिवाइस आपस में एक दूसरे से जुड़े होते हैं। डाटा को सिग्नल के रूप में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जाता है इसे हम डाटा संचार कहते हैं।

संचार का अर्थ “सूचनाओं का आदान प्रदान करना हैवह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक कंप्यूटर से डाटा निर्देश तथा सूचनाओं को दूसरे कंप्यूटर और तक पहुंचाती है डाटा संचार कहलाता है। डाटा संचार में दो या दो से अधिक कंप्यूटरों के मध्य डिजिटल एनालॉग डाटा का स्थानांतरण किया जाता है। जो आपस में संचार चैनल से जुड़े होते हैं।

Data communication:-

डाटा संचार दो या दो से अधिक कंप्यूटर केंद्रों के बीच डिजिटल या एनालॉग डाटा का स्थानांतरण है, जो आपस में संचार चैनल से जुड़ा होता है।

डाटा संचार के लाभ:-

1. डाटा को भौगोलिक रूप से भेजने में तथा डाटा तैयार करने में लगने वाले समय की बचत।

2. आधुनिक कंप्यूटर के प्रोसेसिंग शक्ति तथा संग्रहण क्षमता का पूर्ण उपयोग।

3. फाइल से सूचनाओं के तीव्र प्राप्ति।

4. फाइलों की नकल से बचाव तथा शुद्धता।

5. कम खर्च में डाटा का आदान प्रदान।

यह सिग्नल तीन प्रकार के होते हैं:-

डाटा संचार एवं नेटवर्किंग?
डाटा संचार एवं नेटवर्किंग?

1. डिजिटल सिगनल:-

डिजिटल सिग्नल में डाटा को इलेक्ट्रॉनिक्स रूप अर्थात बायनरी संख्या 0 तथा 1के रूप में सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाता है। डिजिटल सिग्नल कहलाता है।

2. एनालॉग सिगनल:-

एनालॉग सिगनल में डाटा को रेडियो तरंगों के रूप में आदान-प्रदान किया जाता है जैसे टेलीफोन लाइन आदि।

3. हाइब्रिड सिग्नल:-

हाइब्रिड सिग्नल में एनालॉग तथा डिजिटल दोनों प्रकार के सिग्नल के गुण होते हैं इस प्रकार के सिग्नल को हम हाइब्रिड सिग्नल कहते हैं।

संचार चैनल क्या है?/किसे कहते हैं?:-

दो जुड़ी हुई डिवाइसों के बीच सिग्नल भेजने की दिशा संचार चैनल (अंग्रेजी में कम्युनिकेशन) चैनल कहलाती है। जिसे हम संचार चैनल कहते हैं।

संचार चैनल के प्रकार:-

1. सिंपलेक्स चैनल:-

इसमें डाटा का प्रवाह हमेशा एक ही दिशा में होता है। जैसे रेडियो स्टेशन से रेडियो सिगनल श्रोताओं के पास पहुंचता है। पर श्रोता वापस उन्हें रेडियो स्टेशन स्थानांतरित नहीं कर सकता है। सिग्नल एक ही दिशा में अर्थात ‘A’से ‘B’ की ओर जाता है।

Simplex channel

A —————B

यहां A प्रेषक(sender) B प्राप्तकर्ता (Receiver)

2. half-duplex चैनल/अर्ध डुप्लेक्स चैनल:-

इस चैनल में डाटा का प्रवाह दोनों दिशा में होता है। परंतु एक समय में किसी एक ही दिशा में डेटा का प्रवाह होता है। जैसे टेलीफोन लाइन।

3. फुल डुप्लेक्स चैनल/पूर्ण डुप्लेक्स चैनल:-

इस चैनल में डाटा का प्रवाह दोनों दिशाओं में एक साथ हो सकता है। एक ही समय में दोनों दिशा में आ जा सकता है।

संचार मीडिया?:-

किसी कंप्यूटर में टर्मिनल या किसी टर्मिनल से कंप्यूटर तक डाटा के संचार के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता होती है, इस माध्यम को कम्युनिकेशन लाइन या डेटा लिंक कहते हैं। यह तो प्रकार के होते हैं-

1. गाइडेड मीडिया

2. बायर्डतकनीकी

1. गाइडेड मीडिया :-

गाइडेड मीडिया में डाटा सिग्नल तारों के माध्यम से प्रभावित होते हैं।

2. बायर्ड तकनीकी:-

बायो तकनीकी में डाटा संचार किसी विशेष path से होता है। यह तार काॅपर तार या सिल्वर के बने होते हैं। इन के माध्यम से प्रवाहित किया जाता है जिसे हम वायर्ड तकनीकी कहते हैं।

अनगाइडेड मीडिया एवं वायरलेस तकनीकी:-

केबल के महंगा होने तथा इसके रखरखाव खर्च अधिक होने के कारण डाटा संचार के लिए इस तकनीक का प्रयोग किया जाता है। अनगाइडेड मीडिया में डाटा का प्रवाह तरंगों के माध्यम से होता है। क्योंकि इस माध्यम से डाटा संचार बिना तारों के होता है इसलिए इसे अनगाइडेड मीडिया या वायरलेस तकनीक कहा जाता है।

डाटा संचार एवं नेटवर्किंग?
डाटा संचार एवं नेटवर्किंग?

कंप्यूटर नेटवर्क क्या है?:-

कंप्यूटर नेटवर्क से हमारा तात्पर्य आसपास या दूर बैठे हुए कंप्यूटरों को इस प्रकार जोड़ने से है कि उस में से प्रत्येक कंप्यूटर किसी दूसरे कंप्यूटर के साथ स्वतंत्र रूप से संपर्क बनाकर सूचनाओं या संदेशों का आदान प्रदान कर सके और एक दूसरे के साधनों तथा सुविधाओं को साझा कर सके कंप्यूटर नेटवर्क कहलाते हैं।

नेटवर्क (Network) क्या है?

नेटवर्किंग के लाभ:-

#साधनों का साझा करना।

# डाटा का तीव्र संप्रेषण का आदान प्रदान करना।

# विश्वसनीयता।

कंप्यूटर नेटवर्क के प्रकार:-

1. लोकल एरिया नेटवर्क(local area network-LAN):-

यह एक नेटवर्क है जिसके अंदर छोटे भौगोलिक क्षेत्र जैसे-घर, ऑफिस, भवनों का एक छोटा समूह क्या हवाई अड्डा आदि में कंप्यूटर नेटवर्क है। वर्तमान लैंड न इथरनेट तकनीकी पर आधारित है। इस नेटवर्क का आकार छोटा, लेकिन डाटा संचरण की गति तीव्र होती है।

2. मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क(metro politan area network- MAN):-

Metropolitan area network दो या दो से अधिक लोकल एरिया नेटवर्क को जोड़ता है। राउटर्स, स्विच और हब मिलकर एक मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क का निर्माण करते हैं।

3. वाइड एरिया नेटवर्क(wide area network-WAN):-

व्यापक क्षेत्र नेटवर्क, इस नेटवर्क में कंप्यूटर आपस में लीज्ड लाइन या स्विच सर्किट के द्वारा जुड़े रहते हैं। यह नेटवर्क व्यापक भौगोलिक क्षेत्र देश, महादेश में फैला नेटवर्क का जाल है। इंटरनेट इसका अच्छा उदाहरण है। भारत में CMC द्वारा विकसित इंडोनेट वेन का उदाहरण है। बैंकों द्वारा प्रदत एटीएम सुविधा वाइड एरिया नेटवर्क का उदाहरण है।

यह सभी कंप्यूटर नेटवर्क के प्रकार होते हैं इतने प्रकारों से कंप्यूटरों को एक दूसरे कंप्यूटरों से जोड़ा जाता है जिसे कंप्यूटर नेटवर्क कहते हैं।

नेटवर्क युक्तियां:-

सिग्नल की वार्षिक शक्तियों को बढ़ाने के लिए नेटवर्किंग युक्तियों का प्रयोग किया जाता है। नेटवर्क युक्तियों का प्रयोग दो या दो से अधिक कंप्यूटरों को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है।

जैसे, रिपीटर, हब, गेटवे, राउटर, ब्रिज, मॉडम , आदि नेटवर्क की प्रमुख युक्तियां होते हैं।

नेटवर्क (Network) क्या है?

इंफॉर्मेशन ट्रांसफर स्पीड(information transfer speed):-

इंफॉर्मेशन ट्रांसफर स्पीड को बिट्स और बाॅड(beats and bauds) रेट से मापा जाता है। एक सेकंड में स्थानांतरित बिट्स की गति को बिट रेट कहते हैं। एक सेकंड में सिग्नल के अवस्था में परिवर्तन कितनी बार होता है इसे बोर्ड रेट कहते हैं।

डाटा कम्युनिकेशन माध्यम(data communication medium):-

एक कंप्यूटर से टर्मिनल या टर्मिनल से कंप्यूटर तक डाटा के प्रवाह के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता होती है जिसे कम्युनिकेशन लाइन या डाटा लिंक कहते हैं। यह निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-

1. स्टैंडर्ड टेलीफोन लाइन(standard telephone line):-

यह व्यापक रूप से उपयोग होने वाला डाटा कम्युनिकेशन माध्यम है। इसके ज्यादा प्रभावी रूप से उपयोग होने का कारण यह है कि इसे जोड़ना सरल है चुका था बड़ी मात्रा में टेलीफोन केबल लाइन उपलब्ध है। यह दो तांबे के तार होते हैं जिन पर कुचालक की एक परत चढ़ी होती है।

2. कोएक्सियल केबल(coaxial cable):-

यह उच्च गुणवत्ता के संचार माध्यम है। यह जमीन या समुंदर के नीचे से ले जाए जाते हैं। कोएक्सियल केबल के केंद्र में ठोस तार होता है, जो कुचालक से चारों तरफ भी रहता है। इस कुचालक के ऊपर तार की जाली बनी होती है। जिसके ऊपर कुचालक की परत होती है। यह टेलीफोन तार की तुलना में महंगा होता है, पर अधिक डाटा कम्युनिकेशन की क्षमता होती है। इसका उपयोग केबल टीवी नेटवर्क तथा कंप्यूटर नेटवर्क में किया जाता है।

3. माइक्रोवेव ट्रांसमिशन(microwave transmission):-

इस सिस्टम में सिग्नल खुले जगह से होकर रेडियो सिग्नल की तरह संचालित किए जाते हैं। यह स्टैंडर्ड टेलीफोन लाइन तथा कोएक्सियल केबल की तुलना में तीव्र गति से संचार प्रदान करता है। इस सिस्टम में डाटा सीधी रेखा में गमन करती है तथा एंटीना की आवश्यकता होती है। लगभग 30 मिलों पर रिले स्टेशन की जरूरत होती है। लंबी दूरी सिग्नल भेजने के लिए सिंगल को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर विस्तार कर भेजा जाता है। यह बैंडविड्य अच्छा प्रदान करता है, पर वर्षा, धूल, बर्फ, बादल अर्थात खराब वातावरण से प्रभावित होता है। इसका उपयोग टेलीविजन प्रसारण प्रथा सेल्यूलर नेटवर्क में होता है।

4. उपग्रह संचार(satellite communication):-

उपग्रह संचार तीव्र गति के डाटा संचार का माध्यम है। यह लंबी दूरी के संचार के लिए आदर्श माना जाता है। अंतरिक्ष में स्थित उपग्रह को जमीन पर स्थित स्टेशन से सिग्नल भेजा जाता है। उपग्रह सिग्नल का विस्तार कर दूसरे जमीनी स्टेशन को जो हजारों मील दूर अवस्थित होता है, पुनः भेजता है। इस सिस्टम में विशाल डेटा का समूह तीव्र गति से अधिकतम दूरी तक भेजा जा सकता है। इसका उपयोग उपग्रह फोन, टीवी तथा इंटरनेट के लिए किया जाता है।

5. प्रकाशीय तंतु(optical fibers):-

प्रकाशीय तंतु एक नई तकनीक है जिसने धातु के तारों और केबल के जगह पर विशिष्ट प्रकार के ग्लास या प्लास्टिक के तंतु का उपयोग डाटा संचार के लिए किया जाता है। यह धातु की तुलना में काफी हल्की, आकार में कम तथा तीव्र गति से डेटा संचारित करने में सक्षम है। यह शोर कम तथा बैंडविड्य अधिक प्रदान करता है। इसका उपयोग टेलीकम्युनिकेशन और नेटवर्किंग के लिए होता है। यह पूर्ण आंतरिक परावर्तन (total internal reflection) के सिद्धांत पर कार्य करता है। यह रेडियो आवृत्ति अवरोधों से मुक्त होता है।

डाटा संचार एवं नेटवर्किंग?
डाटा संचार एवं नेटवर्किंग?

नेटवर्क:- डाटा संचार एवं नेटवर्किंग?

नेटवर्क आपस में एक दूसरे से जुड़े कंप्यूटरों का समूह है। जो एक दूसरे से संचार स्थापित करने तथा सूचनाओं , संसाधनों को साझा इस्तेमाल करने में सक्षम होते हैं। जैसे विंटर इत्यादि। किसी भी नेटवर्क को स्थापित करने के लिए प्रेषक, प्राप्तकर्ता, मध्यम तथा प्रोटोकॉल की आवश्यकता होती है। विश्व का प्रथम कंप्यूटर नेटवर्क ARPANET है।

प्रोटोकॉल(protocol):- डाटा संचार एवं नेटवर्किंग?

प्रोटोकॉल किसी भी नेटवर्क में विशेष नियमों तथा मानकों का समूह है जिसके नियमानुसार डाटा स्थानांतरण तथा आपस में एक दूसरे कंप्यूटरों को जोड़ा जाता है।

नोड(nodes):- डाटा संचार एवं नेटवर्किंग?

किसी नेटवर्क में नोड एक कनेक्शन पॉइंट है जहां डाटा ट्रांसमिशन का अंत होता है यह वहां से पुनः डाटा का वितरण होता है।

सर्वर (server):- डाटा संचार एवं नेटवर्किंग?

सर्वर मुख्य कंप्यूटर है जो नेटवर्क से जुड़े दूसरे कंप्यूटरों को रिसोर्सेज प्रदान करते हैं। यह नेटवर्क में सबसे महत्वपूर्ण तथा शक्तिशाली कंप्यूटर है। सर्वर एक सेंट्रल कंप्यूटर है जो बहुत सारे पीसीएस वर्कस्टेशंस और अन्य कंप्यूटरों के लिए टाटा और प्रोग्रामों के संग्रह को होल्ड करता है।

टर्मिनल(terminal):-

यह मेनफ्रेम या सुपर कंप्यूटर के संसाधनों का साझा इस्तेमाल के लिए उपयोग होता है।

डंब टर्मिनल(dumb terminal):-

यह नगण्य इंटेलिजेंस वाला कंप्यूटर है।

नेटवर्क टोपोलॉजी(network topology):-

नेटवर्क टोपोलॉजी परवीन नोड्स या टर्मिनल को आपस में जोड़ने का तरीका है। यह विभिन्न नोड्स के बीच भौतिक संरचना को दर्शाता है।

नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकार(types of network topology):-

1. मेष (Mesh) नेटवर्क:- डाटा संचार एवं नेटवर्किंग?

यह नेटवर्क उच्च ट्रैफिक की स्थिति में मार्ग को ध्यान में रखकर उपयोग किया जाता है। इसमें किसी भी स्रोत से कई मार्गों से संदेश भेजा जा सकता है। पूर्णता इंटरकनेक्टेड बेस्ट नेटवर्क खर्चीला है। क्योंकि इसमें ज्यादा केबल तथा हर नोड में इंटेलिजेंस की आवश्यकता होती है। इस नेटवर्क में उच्च सुरक्षा अनुप्रयोग में डाटा प्रेषित किया जाता है।

2. स्टार (star)नेटवर्क:- डाटा संचार एवं नेटवर्किंग?

इस नेटवर्क में एक केंद्रीय नोड होता है जो इंटेलिजेंस से युक्त होता है। बाकी नोड्स इससे जुड़े रहते हैं। ईस्ट केंद्रीय नोड को हब कहते हैं। कोई एक केबल में कोई कठिनाई आने पर एक ही नोड विफल होता है परंतु अगर हब में कोई कठिनाई आती है तो सारा नेटवर्क विफल हो जाता है।

3. रिंग नेटवर्क(ring network):- डाटा संचार एवं नेटवर्किंग?

इस नेटवर्क में सभी नोड्स में समान रूप से इंटेलिजेंस होता है। डाटा का प्रवाह हमेशा एक ही दिशा में होता है लेकिन किसी भी एक केबल या नोड में कठिनाई आने पर दूसरे दिशा में संचार संभव है।

4. बस नेटवर्क(bus network):- डाटा संचार एवं नेटवर्किंग?

इस नेटवर्क में सभी नोड्स एक ही केबल से जुड़े रहते हैं। कोई भी नोड किसी दूसरे नोड को डाटा प्रेषित करना चाहता है तो उसे देखना होता है कि बस में कोई डाटा प्रवाहित तो नहीं हो रहा है। बस खाली रहने पर नोड डाटा प्रेषित कर सकता है। डाटा प्राप्त करने के लिए हर नोड के पास इतनी इंटेलिजेंस होनी चाहिए कि वह बस से अपने पता ज्ञात कर डाटा प्राप्त कर सकें। इसमें कम के केबल की आवश्यकता होती है तथा कोई नया नोड जोड़ना आसान होता है। परंतु प्रमुख ट्रांसमिशन लाइन में कठिनाई आने पर सारा नेटवर्क विफल हो जाता है।

माड्यूलेशन(modulation):-

यह किसी जानकारी को लंबी दूरी तक सिग्नल के रूप में भेजने के लिए उपयोग होता है। माड्यूलेशन डिजिटल सिग्नल को एनालॉग रूप में बदलने की प्रक्रिया है। यह मॉडम के द्वारा संभव होता है। मॉडल एक विद्युत यंत्र है जो डिजिटल सिग्नल को एनालॉग सिगनल में बदलकर भेजता है। तथा एनालॉग सिगनल को डिजिटल सिगनल में बदलकर प्राप्त करता है।

माड्यूलेशन तीन प्रकार के होते हैं-

1. आयाम माड्यूलेशन(amplitude modulation):-

इस प्रक्रिया में वाहक सिग्नल का आयाम सूचना युक्त डिजिटल सिग्नल के अनुरूप बदला जाता है।

2. आवृत्ति माड्यूलेशन(frequency modulation):-

इस प्रक्रिया में वाहक सिग्नल की आवृत्ति को सूचना आयुक्त डिजिटल सिग्नल के अनुरूप बदला जाता है।

3. चरण माड्यूलेशन(phase modulation):-

इस प्रक्रिया में वाहक सिग्नल के फेज को डिजिटल सिग्नल के अनुरूप बदला जाता है।

डाटा ट्रांसमिशन सेवा(data transmission service):- डाटा संचार एवं नेटवर्किंग?

डाटा को एक स्थान से दूसरे स्थान भेजने के लिए जिस सेवा का उपयोग होता है उसे डाटा ट्रांसमिशन सेवा कहते हैं। इस सेवा को देने वाले को डाटा ट्रांसमिशन सेवा प्रदाता (data transmission service provider)कहते हैं। जैसे-

1.VSNL -विदेश संचार निगम लिमिटेड

2.BSNL -भारत संचार निगम लिमिटेड

3.MTNL -महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड

एकीकृत सेवा डिजिटल नेटवर्क(integrated services digital network):-

एकीकृत सेवा डिजिटल नेटवर्क सर्किट स्विच टेलीफोन नेटवर्क के माध्यम से आवाज, डाटा और छवि का स्थानांतरण है। इस सेवा के अंतर्गत आवाज, डाटा या छवि डिजिटल रूप में भेजा जाता है। अतः शोर से बिल्कुल मुफ्त रहता है। इस लाइन में कई उपकरणों को संलग्न किया जा सकता है, और जरूरत के अनुरूप इस्तेमाल किया जा सकता है। अर्थात इंटीग्रेटेड सर्विसेज डिजिटल नेटवर्क लाइन लोगों की पूरी संचार व्यवस्था कि देखभाल कर सकता है। इस सेवा में मॉडम की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि डाटा का आदान-प्रदान डिजिटल रूप में होता है।

नेटवर्क इंटरफेस कार्ड(network interface card):-

यह देख आडवे डिवाइस से जो कंप्यूटर को नेटवर्क में संचार स्थापित करने में सक्षम बनाता है। नेटवर्क के अंतर्गत कंप्यूटर एक निश्चित प्रोटोकॉल के तहत डाटा पैकेट का आपस में आदान-प्रदान करते हैं।

वाईमैक्स(WiMAX-worldwide intro probability for microwave access):-

यह एक डिजिटल वायरलेस संचार प्रणाली है। यह तकनीक बिना केबल के 75 एमबी पर सेकंड ब्रॉडबैंड स्पीड प्रदान करता है।

वायरलेस लोकल लुप(wireless local loop):- डाटा संचार एवं नेटवर्किंग?

यह एक वायरलेस संचार प्रणाली है। जिसमें उपभोक्ता नेटवर्क से रेडियो आवृत्ति के प्रयोग से जोड़ते हैं। यह बेहतर आवाज तथा उच्च गति डाटा क्षमता प्रदान करता है। जिस स्थान पर लैंडलाइन टेलिफोन कनेक्शन का पर्याप्त प्रावधान संभव नहीं है वॉयरलैस लोकल लूप तकनीक प्रभावित सेवा है। यह CDMA(code division multiple access) पर आधारित है। आजकल यह नेटवर्क के लिए लोकप्रिय साधन है।